देश की खबरें | मलेशिया में हुए सम्मेलन में वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा डिजिटलीकरण में भारत की भूमिका रेखांकित की गई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय आयुष सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) में आयोजित एक सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा (टीएम) की वैश्विक उन्नति में भारत के योगदान को रेखांकित किया।
नयी दिल्ली, 29 नवंबर केंद्रीय आयुष सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) में आयोजित एक सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा (टीएम) की वैश्विक उन्नति में भारत के योगदान को रेखांकित किया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पर 10वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (इंट्राकॉम) 2024 में पारंपरिक और पूरक चिकित्सा में स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं के आधुनिकीकरण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया।
आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक के समापन समारोह में आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आईसीडी-11 टीएम2 मॉड्यूल को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दिए जाने पर प्रकाश डाला। यह एक वर्गीकरण प्रणाली है जो पारंपरिक चिकित्सा रोग और उसके पैटर्न को सूचीबद्ध करती है। यह टीएम प्रथाओं के व्यवस्थित वैश्विक दस्तावेजीकरण में एक मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने टीएम2 मॉड्यूल के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण के प्रयास पहले ही शुरू कर दिए हैं, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी शामिल हैं।’’
आयुष सचिव ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य हस्तक्षेप वर्गीकरण (आईसीएचआई) ढांचे के तहत पारंपरिक चिकित्सा कोड विकसित करने में डब्ल्यूएचओ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अपनी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों - आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी का लाभ उठाया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)