देश की खबरें | भारतीय खगोलविदों ने एक पुराने खगोलीय पिण्ड से निकल रही अत्यधिक रोशनी का पता लगाया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय खगोलविदों ने एक विशाल ब्लैक होल ‘बीएल लैकेर्टे’ से अत्यधिक रोशनी दिखाई देने का दावा किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
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देश की खबरें | भारतीय खगोलविदों ने एक पुराने खगोलीय पिण्ड से निकल रही अत्यधिक रोशनी का पता लगाया

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देश की खबरें | भारतीय खगोलविदों ने एक पुराने खगोलीय पिण्ड से निकल रही अत्यधिक रोशनी का पता लगाया

नयी दिल्ली, 13 फरवरी भारतीय खगोलविदों ने एक विशाल ब्लैक होल ‘बीएल लैकेर्टे’ से अत्यधिक रोशनी दिखाई देने का दावा किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इसके विश्लेषण से ब्लैक होल के द्रव्यमान (मास) और उत्सर्जन के स्रोत का पता लगाने में मदद मिलेगी।

इस तरह का विश्लेषण ब्रह्मांड की उत्पत्ति के विभिन्न चरणों के रहस्यों को सुलझाने और विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।

विभाग ने एक बयान में कहा है कि बीएल लैकेर्टे एक करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह सर्वाधिक प्रमुख 50 ब्लैक होल में शामिल है। यह उन तीन-चार ब्लैक होल में शामिल है, जिसके बारे में खगोलविदों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह, ‘होल अर्थ ब्लेजर टेलीस्कोप’ (डब्ल्यूईबीटी) ने आग की लपटों से निकलते प्रकाश का पूर्वानुमान लगाया था।

बयान में कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस) के आलोक चंद्र गुप्ता के नेतृत्व में खगोलविदों का एक दल अंतरराष्ट्रीय अभियान के एक हिस्से के रूप में अक्टूबर, 2020 से ही इसका अध्ययन कर रहा था। उसने 16 जनवरी, 2021 को आग की लपटों से निकलने वाले इस प्रकाश का पता लगाया।

बयान में कहा गया है कि इस कार्य में नैनीताल स्थित संपूर्णानंद टेलिस्कोप (एसटी) और 1.3 एम देवस्थल फास्ट ऑप्टिकल टेलीस्कोप की मदद ली गई है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

देश की खबरें | भारतीय खगोलविदों ने एक पुराने खगोलीय पिण्ड से निकल रही अत्यधिक रोशनी का पता लगाया

नयी दिल्ली, 13 फरवरी भारतीय खगोलविदों ने एक विशाल ब्लैक होल ‘बीएल लैकेर्टे’ से अत्यधिक रोशनी दिखाई देने का दावा किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इसके विश्लेषण से ब्लैक होल के द्रव्यमान (मास) और उत्सर्जन के स्रोत का पता लगाने में मदद मिलेगी।

इस तरह का विश्लेषण ब्रह्मांड की उत्पत्ति के विभिन्न चरणों के रहस्यों को सुलझाने और विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।

विभाग ने एक बयान में कहा है कि बीएल लैकेर्टे एक करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह सर्वाधिक प्रमुख 50 ब्लैक होल में शामिल है। यह उन तीन-चार ब्लैक होल में शामिल है, जिसके बारे में खगोलविदों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह, ‘होल अर्थ ब्लेजर टेलीस्कोप’ (डब्ल्यूईबीटी) ने आग की लपटों से निकलते प्रकाश का पूर्वानुमान लगाया था।

बयान में कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस) के आलोक चंद्र गुप्ता के नेतृत्व में खगोलविदों का एक दल अंतरराष्ट्रीय अभियान के एक हिस्से के रूप में अक्टूबर, 2020 से ही इसका अध्ययन कर रहा था। उसने 16 जनवरी, 2021 को आग की लपटों से निकलने वाले इस प्रकाश का पता लगाया।

बयान में कहा गया है कि इस कार्य में नैनीताल स्थित संपूर्णानंद टेलिस्कोप (एसटी) और 1.3 एम देवस्थल फास्ट ऑप्टिकल टेलीस्कोप की मदद ली गई है।

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