संयुक्त राष्ट्र, 8 जनवरी : भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान तालिबान और लीबिया पर प्रतिबंध समितियों और आतंकवाद रोधी समिति की अध्यक्षता करेगा. संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वर्षों से सुधार की मांग कर रहे भारत ने अस्थायी सदस्य के तौर पर एक जनवरी से अपने दो साल के कार्यकाल की शुरुआत की. परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विभिन्न मुद्दों पर सहायक निकायों का गठन करती है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत को सुरक्षा परिषद की तीन महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता के लिए कहा गया है. इसमें तालिबान पर प्रतिबंध समिति, आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) और लीबिया पर प्रतिबंध समिति शामिल हैं.’’ तिरुमूर्ति ने कहा कि तालिबान प्रतिबंध समिति, अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा विकास और प्रगति के लिए हमेशा से भारत की शीर्ष प्राथमिकता में रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस अहम मौके पर इस समिति की अध्यक्षता से अफगानिस्तान में आतंकवादियों की मौजूदगी और शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वाले उनके प्रायोजकों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी. हमारा हमेशा से दृष्टिकोण रहा है कि शांति प्रक्रिया और हिंसा, दोनों एक साथ नहीं चल सकती. ’’ तिरुमूर्ति 2022 में आतंकवाद रोधी समिति की अध्यक्षता करेंगे. उस साल भारत अपनी आजादी का 75वां साल मनाएगा. तिरुमूर्ति ने कहा कि लीबिया प्रतिबंध समिति के तहत लीबिया पर हथियारों की खरीद पर रोक लगायी गयी तथा संपत्ति की जब्ती समेत कुछ अन्य प्रतिबंध लगाए गए. यह भी पढ़ें : UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फहराया तिरंगा, भारत ने शुरू किया दो साल का कार्यकाल
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे महत्वपूर्ण समय में इस समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान लीबिया और शांति प्रक्रिया पर है.’’ तीनों समितियां यूएनएससी की महत्वपूर्ण सहायक निकाय है. भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में 2021-22 के कार्यकाल के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई उसकी शीर्ष प्राथमिकता में रहेगी.