तपेदिक के खिलाफ लड़ाई में आगे रहकर नेतृत्व करने को तैयार है भारत: मनसुख मांडविया
Mansukh Mandaviya

नयी दिल्ली, 25 मार्च : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने शनिवार को कहा कि तपेदिक (टीबी) के खिलाफ सहयोगात्मक लड़ाई में भारत आगे बढ़कर नेतृत्व करने और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनने के लिए तैयार है. मांडविया ने टीबी के टीके विकसित करने पर भी जोर दिया और कहा कि यह समय की जरूरत है. मांडविया ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ की 36वीं बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने भारत में टीबी को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता को देखा है. हम टीबी के खिलाफ सहयोगात्मक लड़ाई में सामने से नेतृत्व करने और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनने के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा कि भारत ने जी20 अध्यक्षता के तहत तीन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की है. उन्होंने कहा कि ये सभी सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र पर केंद्रित हैं और टीबी उन्मूलन के लिए हमारी प्रतिक्रिया के लिए प्रासंगिक हैं.

मंत्री ने कहा, ‘‘मामले का पता लगाने, गणितीय मॉडलिंग, डिजिटल हस्तक्षेप और निगरानी में नवाचार के माध्यम से जमीनी स्तर पर बहुत सारे असाधारण कार्य किए जा रहे हैं. भारत को ऐसी अच्छी प्रथाओं को दोहराने के लिए अन्य देशों के साथ तकनीकी सहायता साझा करने में खुशी होगी.’’

मांडविया ने इस बात पर जोर दिया कि न केवल कोविड से उबरने के प्रयास जारी हैं बल्कि 'प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान' जैसी नवीन रणनीतियां भी लाने की कोशिश की जा रही है, जो दुनिया में अपनी तरह का अनूठा आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा कि यह टीबी को समाप्त करने के लिए समुदायों को एकजुट करने के लिए कार्रवाई का आह्वान है. बीमारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में टीबी के टीके के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डालते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ से इस पर विचार-विमर्श करने और इस साल सितंबर में सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक में इस मामले को उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘‘टीबी के टीके की तत्काल आवश्यकता है.’’ यह भी पढ़ें : मस्तिष्क का आंतरिक चक्र बता सकता है कि क्यों गुमसुम महसूस करते हैं अल्जाइमर से पीड़ित लोग

मांडविया ने कहा कि इसके विकास को तेज करने, विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने और देशों की इसकी आसान पहुंच में मदद करना भी महत्वपूर्ण है. ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ की कार्यकारी निदेशक डॉ. लुसिका दितियू ने कहा कि "टीबी को खत्म करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इसकी प्रगति दुनिया को आगे बढ़ाएगी.’’ उन्होंने ‘‘भारत की नि-क्षय डेटा के साथ बहुत परिष्कृत मॉडलिंग करने" के लिए भारत की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा को लोगों के करीब लाने के लिए नवाचार, विचार और रणनीति कुछ ऐसी है जिसका पूरी दुनिया अनुकरण कर सकती है.’’ ज्ञात हो कि ग्लोबल साउथ से उन देशों को इंगित किया जाता है जिनका आर्थिक और औद्योगिक विकास अपेक्षाकृत कम हुआ है.