
नयी दिल्ली, 15 मई चीन से माल की डंपिंग को रोकने के लिए भारत के पास एक मजबूत संस्थागत व्यवस्था है। इलेक्ट्रिक वाहन जैसे कुछ चीनी सामानों पर शुल्क बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव के देखते हुए इसका उपयोग किया जा सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह कहा।
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने से चीन को मजबूरन भारतीय बाजारों में अपने सामानों की डंपिंग करनी पड़ सकती है।
अमेरिका ने मंगलवार को चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों, उन्नत बैटरी, सौर सेल, इस्पात, एल्यूमीनियम और चिकित्सा उपकरणों पर नए आयात शुल्क लगाने की योजना की घोषणा की। यह चुनावी वर्ष में उठाया गया कदम है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास अपनी डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) प्रणाली है, हमारे पास अपनी प्रभावी एंटी-डंपिंग प्रणाली है। अत:, यदि कोई अपने सामान की डंपिंग करना चाहता है, तो हमारे पास इसे देखने के लिए सभी संस्थागत व्यवस्था है। हम समय, परिस्थिति के अनुसार कदम उठाएंगे।’’
डीजीटीआर वाणिज्य मंत्रालय की एक जांच इकाई है। यह डंपिंग रोधी शुल्क, सुरक्षा शुल्क और प्रतिपूरक शुल्क से जुड़े मामलों को देखता है।
अधिकारी ने कहा कि कई देश अपनी क्षमताएं बढ़ाकर खासकर वाहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं। भारत भी इसी नीति का पालन कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी क्षमताएं भी बढ़ा रहे हैं। हम विभिन्न उपाय भी कर रहे हैं ताकि भारत को वाहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एक देश के स्रोत पर निर्भर न रहना पड़े।’’
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