नयी दिल्ली, 29 नवंबर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत का लक्ष्य अधिकृत आर्थिक परिचालकों (एईओ) की भागीदारी का विस्तार करके, एकीकृत मुक्त क्षेत्रों और अभिनव नीतियों को बढ़ावा देते हुए दुनिया का सबसे कुशल और विश्वसनीय व्यापारिक केंद्र बनना है।
मल्होत्रा ने यहां वैश्विक एईओ सम्मेलन में समापन भाषण देते हुए कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य व्यापारिक सुविधा और वैश्विक संपर्क में नए मानक स्थापित करना है।’’
उन्होंने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी और विश्वास राजस्व विभाग के दो स्तंभ हैं।
मल्होत्रा ने कहा कि भारत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्रशासन, दोनों में प्रौद्योगिकी को अपना रहा है। अपील, रिफंड और भुगतान सहित अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में हम हर साल आयात और निर्यात के अरबों बिल बनाते हैं। प्रौद्योगिकी की मदद के बिना ऐसा संभव नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य अपने सभी बंदरगाहों को स्वचालित बनाना है।
इसी तरह, उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारा प्रयास है कि सभी बंदरगाहों पर सभी सेवाएं हर समय ऑनलाइन और इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराई जाएं।’’
उन्होंने कहा कि 20 प्रमुख बंदरगाहों में से 17 पूरी तरह से स्वचालित हैं।
पिछले कुछ वर्षों में एईओ कार्यक्रम का विस्तार करना विश्वास-आधारित रणनीति का हिस्सा रहा है।
इस एईओ कार्यक्रम के तहत लगभग 6,000 संस्थाओं को मान्यता दी गई है और 37 प्रतिशत प्रविष्टियां इन संस्थाओं के माध्यम से हैं।
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