देश की खबरें | आईएमसी अध्यक्ष तौकीर रजा खां ने किया शुक्रवार को संभल जाने का ऐलान
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अपने बयानों के लिये अक्सर सुर्खियों में रहने वाले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा खां ने हाल में संभल शहर में हुई हिंसा के लिये प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि वह जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद संभल जाकर हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन से मिलेंगे।
बरेली (उप्र), 28 नवंबर अपने बयानों के लिये अक्सर सुर्खियों में रहने वाले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा खां ने हाल में संभल शहर में हुई हिंसा के लिये प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि वह जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद संभल जाकर हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन से मिलेंगे।
खां ने सौदागरान स्थित दरगाह आला हजरत आवास पर प्रेस वार्ता में संभल की हिंसा को ‘प्रायोजित’ करार देते हुए इसे एक साजिश का नतीजा बताया।
उन्होंने कहा, ''अदालत का जो सर्वेक्षण का फैसला आया, वह कानून के खिलाफ था। दूसरे सर्वेक्षण की जरूरत नहीं थी।''
खां ने आरोप लगाते हुए कहा, ''संभल में पुलिस, प्रशासन और अदालत ने साजिश रचकर इस कार्यवाही को अंजाम दिया है। जब एक बार सर्वेक्षण हो चुका था तो फिर दोबारा सर्वेक्षण की क्या जरूरत थी।”
उन्होंने कहा कि अदालत से जो फैसला आया वो सरासर कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ़ था और इसके बावजूद संभल के मुसलमानों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
खां ने पूछा, “दूसरे सर्वेक्षण की जरूरत क्यों पेश आई... और अगर सर्वेक्षण की जरूरत थी तो उसके साथ भीड़ क्यों गई?''
खां ने दावा किया, ''दूसरा सर्वेक्षण कराने का असल मकसद यह था कि पहले सर्वेक्षण में मुसलमानों की तरफ से कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं आयी थी। मुसलमानों ने सब्र से काम लिया और संभल के अमन-चैन को टूटने नहीं दिया। दूसरा सर्वेक्षण इसीलिये कराया गया ताकि बवाल हो।”
उन्होंने दावा किया कि दोबारा सर्वेक्षण के लिये जो लोग गए उन्होंने हंगामा कराने के लिये धार्मिक नारेबाजी की।
खां ने आरोप लगाया कि सर्वेक्षण टीम के साथ आए लोगों ने ही पथराव किया और मुसलमानों पर इल्जाम लगा दिया।
उन्होंने कहा, ''हिंसा के दौरान पुलिस को गोली चलाते हुए दुनिया ने देखा है। पत्थर फेंकते हुए भी दुनिया ने देखा है।''
खां ने कहा कि संभल में पुलिस के डर से मुसलमानों का कोई घर खुला हुआ नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि संभल को इस वक्त पूरी तरह से कैद में रखा हुआ है और वहां किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं है।
खां ने कहा कि उन्होंने परसो जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया और अब वह कल जुमे की नमाज के बाद संभल जाएंगे और हिंसा में मारे गये लोगों के परिजन से मुलाकात करेंगे।
संभल जिला प्रशासन ने आगामी एक दिसंबर तक किसी भी 'बाहरी' व्यक्ति के जिले में दाखिल होने पर पाबंदी लगायी हुई है।
संभल के कोट पूर्वी मुहल्ले में पिछले रविवार को शाही जामा मस्जिद के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य घायल हो गये थे। पुलिस ने इस मामले में कुल सात मुकदमे दर्ज कर 31 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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