देश की खबरें | अवैध रेत खनन मामला: ईडी ने पंजाब में मुख्यमंत्री चन्नी के रिश्तेदार, अन्य के यहां की छापेमारी

नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 18 जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गैरकानूनी तरीके से रेत का खनन करने में शामिल कम्पनियों और ‘रेत माफिया’ के खिलाफ धन शोधन की जांच के तहत पंजाब में कई स्थानों पर मंगलवार को छापेमारी की। ऐसा कहा जा रहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक रिश्तेदार के यहां भी छापेमारी की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कथित रूप से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक रिश्तेदार भूपिंदर सिंह उर्फ हनी के लुधियाना स्थित परिसर से चार करोड़ रुपये सहित छह करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई।

अधिकारियों ने बताया कि संघीय एजेंसी के अधिकारी चंडीगढ़, मोहाली, पठानकोट तथा लुधियाना में दर्जनों स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं। इस काम में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कर्मी उनकी सहायता कर रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की जा रही है।

चन्नी ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी की गई थी और ईडी ‘‘उसी तरह’’ उन पर, उनके मंत्रियों पर और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर ‘‘दबाव’’ बनाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि वह इसका सामना करने को तैयार हैं और उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी हनी के कुदरतदीप सिंह नाम के एक व्यक्ति से कथित संबंधों की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि हनी और सिंह एक कंपनी में साझेदार हैं।

विपक्षी दलों ने पहले भी हनी के कामों में चन्नी का हाथ होने का दावा किया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन बातों को खारिज कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर जिला) पुलिस की 2018 की एक प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद कार्रवाई शुरू की, जिसमें कुछ कम्पनियों और लोगों के खिलाफ राज्य में अवैध रेत खनन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इस प्राथमिकी में कई ट्रक चालकों, रेत की निकासी और परिवहन में शामिल अन्य गुर्गों को आरोपी बनाया गया था।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकी केवल जांच की शुरुआत है और एक बार मामला पीएमएलए के तहत अपने हाथ में लेने के बाद ईडी के पास अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों की भूमिका के बारे में जांच करने के साथ ही कथित तौर पर इन्हें संरक्षण देने वाले लोगों के खिलाफ भी जांच की शक्ति है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी को पता चला है कि गैर-अधिसूचित क्षेत्र से रेत खनन किया जा रहा था और ‘रेत माफिया’ इसके जरिए अर्जित धन का उपयोग निजी और बेनामी संपत्ति बनाने में कर रहा था।

गौरतलब है कि पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है।

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