देश की खबरें | आईएफटीडीए ने यौन उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए कास्टिंग निर्देशकों का अलग प्रभाग बनाया

मुंबई, 29 जनवरी भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ (आईएफटीडीए) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न (छेड़छाड़) के मामलों को रोकने के लिए प्रमुख कास्टिंग निर्देशकों के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।

तीन प्रमुख निर्मात संगठनों को भेजे गए एक पत्र में, आईएफटीडीए ने कहा कि वह ‘‘महिलाओं से छेड़छाड़ के बड़े पैमाने पर मामलों’’ को रोकने के लिए एक ‘‘अभिनव योजना’’ लेकर आया है।

यह पत्र ‘प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’, भारतीय फिल्म और टीवी निर्माता परिषद और पश्चिमी भारत फिल्म निर्माता संघ को भेजा गया है। आईएफटीडीए के अध्यक्ष अशोक पंडित द्वारा यह पत्र जारी किया गया है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि फिल्म उद्योग महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बड़े पैमाने पर मामलों को देखते हुए, इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए हमारे द्वारा एक अभिनव योजना की परिकल्पना की गई है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘सबसे प्रसिद्ध प्रतिष्ठित कास्टिंग निर्देशकों ने आईएफटीडीए के साथ मिलकर इस बुराई को मिटाने की प्रतिबद्धता जताई है।’’

आईएफटीडीए ने बताया कि उनकी कार्यकारी समिति ने कास्टिंग निर्देशकों का एक अलग प्रभाग बनाया है।

उसने कहा, ‘‘इस कदम की अगुवाई सबसे प्रतिष्ठित कास्टिंग निर्देशकों मुकेश छाबड़ा, हनी त्रेहन, विक्की सिदाना, श्रुति महाजन और शारिका ने की है।’’

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