दुबई: भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनने की दौड़ में सबसे आगे होने की अटकलों के बीच पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देना पसंद करेंगे. गंभीर ने हाल में कोलकाता नाइट राइडर्स को तीसरा इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाया और उन्हें राहुल द्रविड़ के योग्य उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. द्रविड़ का अनुबंध टी20 विश्व कप के बाद खत्म हो रहा है. History Of Indian Team In T20 World Cup: रोहित शर्मा एंड कंपनी के पास है इतिहास दोहराने का मौका, टी20 वर्ल्ड कप में कुछ ऐसा है टीम इंडिया का प्रदर्शन
भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 27 मई थी. लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं है कि गंभीर ने इसके लिए आवेदन भरा है या नहीं. अबुधाबी में एक कार्यक्रम के इतर गंभीर (42 वर्ष) ने कहा, ‘‘मैं भारतीय टीम को कोचिंग देना पसंद करूंगा. अपनी राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है. आप 140 करोड़ भारतीयों और दुनिया भर के लोगों का प्रतिनिधित्व करोगे.’’
इस हफ्ते के शुरु में भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने मुख्य कोच की भूमिका के लिए गंभीर का समर्थन करते हुए कहा था कि वह अच्छे उम्मीदवार हैं. गंभीर अबुधाबी के मेडोर अस्पताल में छात्रों को संबोधित कर रहे थे. तभी एक ने उनसे भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने और अपने अनुभव से विश्व कप जीतने में मदद करने के बारे में पूछा तो गंभीर ने जवाब दिया, ‘‘मैंने अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं दिया है, हालांकि बहुत लोगों ने मुझसे इसके बारे पूछा है. लेकिन अब मुझे आपको जवाब देना होगा.’’
गंभीर ने कहा, ‘‘भारत को विश्व कप जीतने में 140 करोड़ भारतीय मदद करेंगे. अगर हर कोई हमारे लिए दुआ करना शुरू कर दे तथा हम उनका प्रतिनिधित्व करना और खेलना शुरू कर दें तो भारत विश्व कप जीत जायेगा. सबसे महत्वपूर्ण बात निर्भिक होना है.’’
गंभीर संयुक्त अरब अमीरात की निजी यात्रा पर थे और उन्होंने मेडोर अस्पताल में खेल चिकित्सा विभाग का दौरा किया. इसमें 2007 विश्व टी20 और 2011 वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य रहे गंभीर की कोलकाता नाइट राइडर्स को हाल में सफलता दिलाने के लिए प्रशंसा की गई.
गंभीर ने कहा, ‘‘एक खुशगवार ड्रेसिंग रूम ही सुरक्षित ड्रेसिंग रूम होता है. एक खुशगवार ड्रेसिंग रूम ट्राफी जीतने वाले ड्रेसिंग रूम में बदल जाता है. केकेआर में मैंने सिर्फ इसी मंत्र का पालन किया. भगवान की कृपा से यह वास्तव में कारगर रहा.’’
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