लखनऊ, 2 मार्च : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बृहस्पतिवार को विधान परिषद में कहा कि उन्होंने और राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने खुद पर दर्ज कोई भी मुकदमा वापस नहीं लिया है. मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधा और कहा, “कल सपा के नेता ने एक वक्तव्य दिया था कि मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लिए हैं. पिछले छह वर्षों के दौरान न तो मुख्यमंत्री और न ही उपमख्यमंत्री ने अपने ऊपर दर्ज कोई भी मुकदमा वापस नहीं लिया है.” गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर प्रदेश सरकार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का आरोप लगाते हैं.
योगी ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा, “लेकिन यह सच है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद पर दर्ज मुकदमे को वर्ष 2016 में अपने हस्ताक्षर से वापस लेने का काम किया था. यह मुकदमा वापस कैसे हुआ, हमें तो आश्चर्य होता है, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा दायर किया गया मुकदमा वापस हो ही नहीं सकता था.” मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आयोग की इजाजत के बगैर नहीं हो सकता था, लेकिन उन्होंने (योगी ने) यह मुकदमा वापस लिया था और वह दूसरों को उपदेश देते हैं.” यह भी पढ़ें : पहले चलती थी माफिया तत्वों की समानांतर सरकार, युवाओं के सामने पहचान का संकट : योगी
योगी ने आरोप लगाया, “समाजवादी पार्टी की सरकार में क्या होता था. अपराधी तो सरकार के सरपरस्त थे ही, देशद्रोहियों और आतंकवादियों के मुकदमे भी वापस लिए जाते थे. लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बिजनौर, कानपुर और रामपुर में उन अपराधियों और आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेने का दुस्साहस भी समाजवादी पार्टी की सरकार ने किया था.” उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालय को यह टिप्पणी करनी पड़ी थी कि आज आप आतंकवादियों के मुकदमों को वापस ले रहे हैं, कल इन्हें पद्म पुरस्कार देने का काम भी करेंगे.”