जरुरी जानकारी | मुंबई में आवास पंजीकरण अप्रैल में 42 प्रतिशत गिरकर 10,136 इकाई रहा

नाइट फ्रैंक इंडिया ने बताया यह गिरावट और भी अधिक होती क्योंकि 90 प्रतिशत खरीदारों ने आवासीय संपत्तियों पर कम स्टाम्प ड्यूटी का लाभ उठाने के लिए एक अप्रैल से पहले ही स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान कर दिया था।

महाराष्ट्र सरकार ने दरअसल कोरोना महामारी के बीच आवास की मांग को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक स्टांप शुल्क को दो से तीन प्रतिशत घटा दिया था। राज्य सरकार ने इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी भरने के बाद संपत्ति पंजीकरण की अवधि को चार महीने के लिए बढ़ाने की भी घोषणा की थी।

नाइट फ्रैंक ने बताया कि मुंबई के चर्चगेट से दहिसर और कोलाबा से मुलुंद क्षेत्र में अप्रैल 2021 में 10,000 आवासीय संपत्ति पंजीकरण दर्ज किया जबकि मार्च में पंजीकरण की यह संख्या 17,449 इकाई की थी। हालांकि इसमें यह भी पाया गया कि इसमें केवल सात प्रतिशत पंजीकरण अप्रैल के दौरान नई आवासीय बिक्री का रहा वहीं शेष 93 प्रतिशत पंजीकरण दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच हस्तांतरित संपत्तियों से रहा।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘आवासीय संपत्ति क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों के दौरान स्टांप शुल्क कम होने के कारण एक स्वस्थ उछाल दर्ज किया गया। हालांकि, स्टंप ड्यूटी शुल्क राज्य सरकार के खजाने में बहुत योगदान देता है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस कदम से अचल संपत्ति सेक्टर को थोड़ी मजबूती मिली। इस कदम ने रोजगार और आर्थिक स्थिरता भी प्रदान की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्टांप शुल्क को घटाना शानदार निर्णय था जिससे कोरोना महामारी के बीच इस सेक्टर और राज्य की अर्थव्यवस्था चलती रही। राज्य सरकार ने अप्रैल में स्टांप ड्यूटी पर घटाए गए शुल्क को वापस लेने का निर्णय किया और इसी दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भी आ गई। जिससे नए घरों की मांग और बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है।’’

उन्होंने राज्य सरकार से स्टांप ड्यूटी शुल्क में कमी की अवधि को फिर से बढ़ाने के उपायों पर पुनर्विचार करने की भी अपील की।

जतिन

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