रांची, 23 नवंबर हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने शनिवार को 81 सदस्यीय विधानसभा की 52 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी जबकि चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
आक्रामक प्रचार अभियान के दम पर राज्य में अपनी संभावनाओं को लेकर आश्वस्त भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 21 सीटें जीत ली हैं और तीन पर बढ़त बनाए हुए है।
विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए गठबंधन के शानदार प्रदर्शन को ‘‘लोकतंत्र की परीक्षा में उत्तीर्ण होना’’ बताया।
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि पार्टी की हार उनके लिए बेहद दुखद है।
भाजपा ने संथाल परगना क्षेत्र से ‘‘घुसपैठियों’’ को बाहर निकालने का नारा दिया था, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा खेले गए ‘आदिवासी’ कार्ड के सामने यह नारा फीका पड़ गया।
झामुमो ने सोरेन की गिरफ्तारी से उपजी सहानुभूति को भी अपने पक्ष में भुनाया। इसके अलावा, दलबदलुओं को उम्मीदवार बनाने को लेकर भाजपा में हुई कलह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राजद और भाकपा (माले) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने बरहेट सीट पर भाजपा के गमलील हेम्ब्रम को 39,791 वोटों के अंतर से हराया। सोरेन को 95,612 जबकि हेम्ब्रम को 55,821 वोट मिले।
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में सोरेन ने इसी निर्वाचन क्षेत्र से 25,740 वोटों से जीत हासिल की।
हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को अपने पति की गिरफ्तारी के बाद झामुमो को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है। कल्पना ने भी गांडेय सीट पर जीत हासिल की है।
चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट पर 20,447 वोटों से जीत हासिल की।
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी को चंदनकियारी में करारी हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे स्थान पर रहे।
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