मुंबई, 4 अप्रैल : कुछ दक्षिणपंथी समूहों के ‘हलाल’ मांस का बहिष्कार करने के आह्वान के बीच गायक लकी अली ने सोमवार को फेसबुक पर अपने प्रशंसकों को इस शब्द का मतलब समझाया. अली की यह टिप्पणियां तब आयी है जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने हलाल की तुलना ‘‘आर्थिक जिहाद’’ से की. ‘‘ओ सनम’’ और ‘‘इक पल का जीना’’ जैसे गीतों से पहचान बनाने वाले गायक-गीतकार ने कहा कि ‘हलाल’ की अवधारणा इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोगों पर ही लागू होती है.
उन्होंने लिखा, ‘‘प्रिय भारतीय भाइयों और बहनों, उम्मीद करता हूं कि आप सभी स्वस्थ होंगे...मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं. ‘हलाल’ निश्चित तौर पर इस्लाम के बाहर के किसी भी व्यक्ति के लिए नहीं है. बात सिर्फ इतनी है कि कोई भी मुस्लिम ऐसा कोई भी उत्पाद नहीं खरीदेगा जैसा कि उनके यहूदी रिश्तेदार करते हैं, जो हलाल को कोशर के बराबर मानते हैं और तब तक कोई उत्पाद नहीं खरीदते जब तक कि यह सत्यापित न हो जाए कि उस उत्पाद की सामग्री उसके उपभोग की सीमाओं के अनुरूप है.’’ यह भी पढ़ें : पर्यटन मंत्रालय ने एमआईसीई उद्योगों के लिये राष्ट्रीय कार्यनीति का मसौदा तैयार किया : सरकार
‘हलाल’ एक अरबी शब्द है जिसका अंग्रेजी में अनुवाद ‘‘जायज़’’ है, जबकि ‘कोशर’ शब्द का इस्तेमाल यहूदी कानून की नियमावली के अनुसार तैयार भोजन के लिए किया जाता है. प्रख्यात अभिनेता महमूद के बेटे अली ने कहा कि ‘‘मुसलमानों और यहूदी लोगों’’ समेत हर किसी को अपने उत्पाद बेचने के लिए कंपनियों को सामान पर ‘हलाल’ या ‘कोशर’ प्रमाणित लेबल लगाना होगा. ‘‘अन्यथा मुस्लिम और यहूदी उनसे उत्पाद नहीं खरीदेंगे.’’