Teesta Setalvad Remand: कोर्ट ने सीतलवाड़, पूर्व DGP श्रीकुमार को 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा
तीस्ता सीतलवाड़ व पूर्व डीजीपी श्रीकुमार (Photo: Twitter)

अहमदाबाद, 26 जून: अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 गुजरात दंगों के संबंध में झूठे साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष लोगों को फंसाने के एक मामले में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. Maharashtra: एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई, हरीश साल्वे रखेंगे बागी MLA का पक्ष

अभियोजन ने सीतलवाड़ और श्रीकुमार की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था. लोक अभियोजक मितेश अमीन ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस पी पटेल की अदालत ने सीतलवाड़ और श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. उन्होंने बताया कि दोनों को अहमदाबाद अपराध शाखा द्वारा शनिवार को दर्ज की गई एक प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.

गुजरात पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को सीतलवाड़ को मुंबई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया था, जिसके बाद सीतलवाड़ ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने और हाथ में चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था. सीतलवाड को यहां लाया गया और शनिवार को शहर की अपराध शाखा को सौंप दिया गया.

अदालत के निर्देश पर सीतलवाड़ को चिकित्सा जांच के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया. मितेश ने कहा, ‘‘अदालत ने मेडिकल प्रमाणपत्र को अपने रिकॉर्ड में लिया है. हमने इस आधार पर 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था कि दोनों आरोपियों ने हलफनामे जैसे गढ़े हुए सबूत पेश किए. यह जानने के लिए उनसे पूछताछ करने की आवश्यकता है कि उनके राजनीतिक आका कौन हैं? क्योंकि शीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले का राजनीतिकरण किया गया था.’’

तीस्ता सीतलवाड को रविवार को जबकि श्रीकुमार को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आरोपी संजीव भट्ट को स्थानांतरण वारंट के जरिये अहमदाबाद लाया जाएगा.

शहर की अपराध शाखा ने सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ शनिवार को एक प्रथमिकी दर्ज की. तीनों पर 2002 के सांप्रदायिक दंगों के मामलों के संबंध में गलत सबूत गढ़कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.

सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ प्राथमिकी उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज किये जाने के एक दिन बाद दर्ज हुई.

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