नयी दिल्ली, 31 जुलाई : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह समय केरल के वायनाड की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है, इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है तथा राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे. शाह ने सदन को यह भी अवगत कराया कि वह आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक लाएंगे. उन्होंने प्राकृतिक आपदा पर सदन में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भले ही भारत सरकार हो या कोई राजनीतिक दल, (सभी के लिए) आपदा का यह वक्त वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दुखद आपदा में जिन लोगों ने अपने स्वजन गंवाए या जो घायल हुए हैं, उनके प्रति गहरी संवेदनाएं हैं. उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक ‘‘समय-पूर्व चेतावनी चेतावनी प्रणाली’’ मौजूद है और 2014 के बाद भारत उन तीन-चार देशों में से एक है, जो आपदा से सात दिन पहले ही पूर्वानुमान साझा करते हैं एवं इस प्रणाली पर कुल 2300 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. शाह ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले आपदा के समय सिर्फ बचाव और पुनर्वास होता था, लेकिन मोदी सरकार के समय में इस तरह से बचाव कार्य करने पर ध्यान दिया गया है कि किसी की जान न जाए और नुकसान कम से कम हो. यह भी पढ़ें : वायनाड में भूस्खलन को लेकर तेजस्वी सूर्या की टिप्पणी के बाद लोकसभा में विपक्ष का हंगामा
उन्होंने कहा कि संबंधित तकनीक को विकसित करना और उसमें सुधार लाना केंद्र सरकार का काम है, लेकिन सहकारी संघवाद के तहत लोगों को हटाने का काम तो राज्य सरकार का है. मंत्री ने कहा कि सरकार केरल की जनता को आश्वस्त करना चाहती है कि वह उन्हें (जनता को) किसी मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ेगी.