जरुरी जानकारी | लोगों का जीवन बेहतर बनाने को बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ा रही सरकार: वित्त राज्यमंत्री

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचे पर लगातार पूंजीगत व्यय बढ़ा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

सरकार का पूंजीगत व्यय 2021-22 में पांच लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मोदी सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचे के निर्माण पर है... पिछले 10 वर्षों में देश के सड़क, हवाई और रेल संपर्क में काफी सुधार हुआ है। इससे लोगों का जीवन आसान और सुविधाजनक हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क में 1.6 गुना वृद्धि हुई है। साल 2014 में 91,287 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग थे जो नवंबर, 2024 तक बढ़कर 1,46,195 किलोमीटर हो चुके हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत पहले चरण में 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया जाना है। इसमें से 26,425 किलोमीटर का काम आवंटित हो चुका है जबकि 18,714 किलोमीटर राजमार्ग का काम पूरा हो चुका है।

चौधरी ने कहा, ‘‘देश में चालू हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। 2014 में 74 हवाई अड्डों से उड़ानें संचालित होती थीं जबकि 2024 में देश के 158 हवाई अड्डों से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं।’’

उन्होंने रेलवे का भी जिक्र करते हुए कहा कि 97 प्रतिशत रेल मार्गों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क की मजबूती से देश में न केवल आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज हुई है बल्कि स्थानीय स्तर पर भी बुनियादी सुविधाएं बेहतर हुई हैं और इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिल रहा है।’’

आगामी बजट में पूंजीगत व्यय की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार बजट आवंटन कर रही है और 2025-26 के बजट में भी ऐसा करना जारी रखेगी।"

चौधरी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान पूंजीगत व्यय 4.67 लाख करोड़ रुपये रहा जो कुल पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 42 प्रतिशत है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित समिति इस पर काम कर रही है और इस बारे में कोई भी निर्णय जीएसटी परिषद में ही होगा।

पिछले हफ्ते मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया था कि जीएसटी दर संबंधी मंत्री समूह ने कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, तंबाकू और उससे बने उत्पादों पर कर की दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है।

चौधरी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से बैंकों की स्थिति मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कहीं से भी ‘फोन बैंकिंग’ का समर्थन नहीं करती और अगर ऐसा कुछ होता भी है तो उस पर कार्रवाई की जाती है।

उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सार्वजनिक बैंकों को ताकतवर कारोबारी समूहों के लिए ‘निजी फाइनेंसर’ में बदलकर रख दिया है।

कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा था, ‘‘सार्वजनिक बैंकों को प्रत्येक भारतीय तक कर्ज की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया था। मोदी सरकार ने जनता की इन जीवनरेखाओं को केवल अमीरों और शक्तिशाली समूहों के लिए निजी ‘फाइनेंसर’ में बदल दिया है।’’

रमण प्रेम

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