सरकार ने गोल्ड ज्वेलरी के लिये अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा 15 जून तक बढ़ाई
सोना | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 24: मई केंद्र ने सोमवार को स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों के लिये अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू करने की समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ाकर 15 जून तक कर दी.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया. उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में सरकार ने स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों पर ‘हॉलमार्किंग’ 15 जनवरी, 2021 से अनिवार्य किये जाने की घोषणा की थी. हालांकि जौहरियों की महामारी के कारण समयसीमा बढ़ाये जाने की मांग के बाद इसे चार महीने आगे खिसकाकर एक जून कर दिया गया था.

गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता को प्रमाणित करता है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है.

आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘कोविड महामारी के मद्देनजर सरकार ने संबंधित पक्षों के इसे क्रियान्वित करने और इससे जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये और समय दिये जाने के अनुरोध को स्वीकार किया है.’’

बयान के अनुसार स्वर्ण आभूषण पर हॉलमार्किंग व्यवस्था 15 जून से शुरू होगी. पहले यह एक जून, 2021 से क्रियान्वित होनी थी. उचित समन्वय सुनिश्चित करने और क्रियान्वयन के मुद्दों को हल करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.

समिति में उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे और जूलर्स एसोसिएशन, व्यापार और हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इस मौके पर मंत्री ने कहा, ‘‘सोने के आभूषणों में भारत के पास विश्व के बेहतरीन मानक होने चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि सोने के आभूषण को लेकर भरोसा तथा ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर तीसरे पक्ष के आश्वासन के माध्यम से आभूषणों/कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आवश्यक है.

गोयल ने कहा, ‘‘यह कदम भारत को दुनिया में एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगा.’’ बयान के अनुसार 15 जून से जौहरियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी.

बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है. वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है.

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