जरुरी जानकारी | चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत पर, वार्षिक वृद्धि 2008-09 के बाद सबसे कम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

नयी दिल्ली, 29 मई देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

इस तरह पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर गिरकर 4.2 प्रतिशत रह गई है।

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उपभोग और निवेश में गिरावट की वजह से जीडीपी की वृद्धि दर का आंकड़ा नीचे आया है।

आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार 4.2 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत रही थी। यह 2008-09 के बाद जीडीपी की वृद्धि दर का सबसे कमजोर आंकड़ा है। 2008-09 में आर्थिक वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही थी।

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कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया था।

जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने इस साल जनवरी और फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इस बीच, सीएसओ ने बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के वृद्धि दर के आंकड़े को घटा कर 4.7 की जगह 4.1 प्रतिशत कर दिया है।

इसी तरह बीते वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के आंकड़ों को भी क्रमश 5.6 से कम कर 5.2 प्रतिशत और 5.1 की जगह 4.4 प्रतिशत किया गया है।

आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में चौथी तिमाही में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में इसमें 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि, कृषि क्षेत्र का जीवीए चौथी तिमाही में बढ़कर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 1.6 प्रतिशत था।

निर्माण क्षेत्र का जीवीए चौथी तिमाही में 2.2 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 6 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं खनन क्षेत्र की वृद्धि दर समीक्षाधीन तिमाही में 5.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

आंकड़ों के अनुसार चौथी तिमाही में बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य सार्वजनिक सेवाओं की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.5 प्रतिशत रही थी।

इसी तरह व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में चौथी तिमाही में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि एक साल पहले समान तिमाही में इन क्षेत्र की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही थी।

समीक्षाधीन अवधि में वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 8.7 से घटकर 2.4 प्रतिशत रही गई। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर में भी गिरावट आई और यह 10.1 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले समान तिमाही में यह 11.6 प्रतिशत रही थी।

आंकड़ों के अनुसार, चौथी तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्य पर जीडीपी 38.04 लाख करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 36.90 लाख करोड़ रुपये रही थी।

पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद 145.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 31 जनवरी, 2020 को जारी पहले संशोधित अनुमान में इसके 139.81 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था।

मौजूदा मूल्य पर बीते वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय 1,34,226 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,26,521 करोड़ रुपये के आंकड़े से 6.1 प्रतिशत अधिक है।

इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अलग आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते अप्रैल में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 38.1 प्रतिशत घटा है।

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