Bihar: बिहार में जहरीली शराब से चार और लोगों की मौत, मरने वालों की संख्या 40 हुई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

पटना: शराब (Liquor) पर पूर्ण प्रतिबंध वाले बिहार (Bihar) में शनिवार को अवैध शराब के सेवन से चार और लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद राज्य में दिवाली (Diwali) से अब तक विभिन्न जिलों में इससे मरने वालों की संख्या बढ़ कर 40 हो गयी है. मौत के नए मामले समस्तीपुर (Samastipur) जिले से आए हैं. इससे पहले गोपालगंज (Gopalganj) और पश्चिमी चंपारण (West Champaran) जिलों में जहरीली शराब के सेवन से कम से कम 33 लोगों की मौत हो गयी थी. Bihar Hooch Tragedy: बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 9 की मौत, 7 बीमार

समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों के अनुसार मृतकों में सेना के एक जवान और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कर्मी समेत चार लोग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ये सभी पटोरी थाना क्षेत्र की रूपौली पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों के निवासी थे.

ढिल्लों ने कहा, ‘‘बीमार होने वाले दो व्यक्तियों का अभी एक अस्पताल में इलाज हो रहा है. हमें पता चला है कि वे सभी एक अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, जिसके बाद उन्होंने छुट्टी पर घर आए सेना के जवान द्वारा लाई गई शराब का सेवन किया.’’

उन्होंने कहा कि एक जगह से भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएलफएल) की एक बोतल बरामद की गई, जहां लोगों ने शराब का सेवन किया गया था. शराब के नमूने के रासायनिक विश्लेषण के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के अधिकारियों की एक टीम को बुलाया गया है.

एसपी ने कहा, ‘‘हम मामले की जांच कर रहे हैं. बताया जाता है कि कुछ और लोगों ने शराब का सेवन किया था और शराब पीने के बाद वे बीमार हो गए. हम उनके परिवार के सदस्यों से पुलिस को मामले के बारे में सूचित करने का आग्रह करते हैं. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बीमारों का इलाज कराना है.’’

अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था.

इस बीच, युवा कांग्रेस के नेताओं के एक समूह ने पटना में संवाददाता सम्मेलन किया और बताया कि उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए क्योंकि ‘‘मौतें शराबबंदी को ठीक से लागू करने में राज्य सरकार की विफलता को उजागर करती हैं.’’

पूर्व विधायक और पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक, ऋषि मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘‘सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार भारतीय जनता पार्टी की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए. पूर्व में पार्टी के मंत्री के परिसरों से शराब बरामद की गई थी.’’

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कैबिनेट के प्रभावशाली सदस्य, दिवंगत ललित नारायण मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य राम सूरत राय की ओर इशारा कर रहे थे. इस साल की शुरुआत में राय के अलग रह रहे भाई के स्वामित्व वाले परिसर से शराब बरामद की गई थी.

नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सदस्य रह चुके मिश्रा ने कहा, ‘‘भाजपा बिहार में शराब पर प्रतिबंध को लेकर काफी उत्साहित थी, हालांकि उसने अपने शासन वाले किसी अन्य राज्य में शराबबंदी नहीं की है. इस दोहरे रवैये को बेनकाब करने की जरूरत है.’’

बाद में, भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने ने हाल ही में जहरीली शराब त्रासदियों पर चिंता व्यक्त की, और कहा कि ‘‘मद्य निषेध कानून को राज्य में और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है.’’

जायसवाल ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं शराब से संबंधित मौतों के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. कानून लागू करने वाली एजेंसियों को बिहार में शराब माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. राज्य सरकार ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. जो लोग नियमों की धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.’’

उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिबंध को लागू करने में कानून लागू करने वाली एजेंसियों की भूमिका की समीक्षा की जानी चाहिए और राज्य को बाहर से शराब की आपूर्ति करने वालों पर भी रोक लगाई जानी चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी सरकार के शराबबंदी कानून को पटरी से उतारने की कोशिश करने वालों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई के आदेश दिये थे.

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