नयी दिल्ली, 12 मई : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पैसे ऐंठने के लिए चंडीगढ़ में एक कंपनी के यहां फर्जी छापेमारी करने के आरोप में अपने चार सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद बर्खास्त कर दिया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की एजेंसी की नीति के तहत सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने इस शर्मनाक प्रकरण के उनके संज्ञान में लाए जाने के बाद आरोपी अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश जारी किए. उन्होंने बताया कि सुमित गुप्ता, प्रदीप राणा, अंकुर कुमार और आकाश अहलावत को फर्जी छापे से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने हिरासत में ले लिया. ये सभी सीबीआई की दिल्ली स्थित इकाइयों में सब-इंस्पेक्टर थे.
यह मामला तब सामने आया जब चंडीगढ़ के एक व्यवसायी ने सीबीआई से शिकायत की कि 10 मई को सीबीआई अधिकारियों सहित छह लोग उसके कार्यालय में आए और धमकी दी कि आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें धन मुहैया कराने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सीबीआई प्रवक्ता आर. सी. जोशी ने कहा, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता को जबरदस्ती एक कार में बिठाया और उनसे 25 लाख रुपये की मांग की.’’ अधिकारियों ने बताया कि फर्जी छापेमारी के दौरान हंगामा हुआ और एक अधिकारी को पकड़ लिया गया और बाद में, अन्य लोगों की भी पहचान की गई. यह भी पढ़ें : नोएडा में व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले में पत्नी और उसके दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज
जोशी ने बताया कि सीबीआई ने आरोपी अधिकारियों के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. उन्होंने बताया ,"भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की एजेंसी की नीति के तहत, न सिर्फ बाहरी बल्कि अपने अधिकारियों के संबंध में भी... शिकायत मिलने पर सीबीआई ने तत्काल एक मामला दर्ज किया और मामले में कथित रूप से शामिल तीन अन्य अधिकारियों की पहचान की तथा उनकी गिरफ्तारी की. इन दोषी अधिकारियों के इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए इन चारों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है."