जरुरी जानकारी | विदेशों बाजारों में तेजी, रुपये में गिरावट के बीच अधिकांश तेल-तिलहन के दाम में सुधार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में तेजी के रुख, त्योहारी मांग और रुपये में गिरावट के बीच बुधवार को घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतें मजबूत बंद हुईं। कमजोर कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम हानि के साथ बंद हुए जबकि सुस्त कामकाज के बीच बिनौला तेल अपरिवर्तित रहा।

नयी दिल्ली, 30 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख, त्योहारी मांग और रुपये में गिरावट के बीच बुधवार को घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतें मजबूत बंद हुईं। कमजोर कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम हानि के साथ बंद हुए जबकि सुस्त कामकाज के बीच बिनौला तेल अपरिवर्तित रहा।

शिकॉगो एक्सचेंज रात दो प्रतिशत से ज्यादा मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां घट-बढ़ जारी है। वहीं, मलेशिया एक्सचेंज दोपहर 3.30 बजे तेज बंद हुआ।

अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 52 पैसे टूटकर 87.43 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया।

बाजार सूत्रों ने कहा कि कच्ची घानी की बड़ी तेल मिलों ने सरसों के दाम शाम को बढ़ाया जिससे सरसों तेल-तिलहन कीमत में सुधार आया। यहां यह देखा जाना चाहिये कि छोटी सरसों पेराई मिलों को पेराई में नुकसान होता है और उन्हें लागत निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। छोटी सरसों पेराई मिलों को थोक में किलो के भाव टैंकर में भरकर तेल बेचना पड़ता है जबकि बड़ी तेल मिलें खुदरा में लीटर में खाद्य तेल बेच पाती हैं जिससे उन्हें फायदा होता है।

उन्होंने कहा कि त्योहारी मांग के बीच सबसे सस्ता होने के कारण सोयाबीन तेल में अधिक कारोबार है। इसके अलावा डी-आयल्ड केक (डीओसी) की स्थानीय मांग के कारण महाराष्ट्र के मिलवालों ने सोयाबीन के दाम बढ़ाये हैं। इन वजहों से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम भी मंगलवार के मुकाबले मजबूत हुए हैं। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि सोयाबीन का हाजिर दाम अब भी एमएसपी से 7-8 प्रतिशत कम ही है। मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में भी सुधार देखने को मिला।

वहीं दूसरी ओर, मूंगफली की गर्मी की फसल बाजार में आ रही है और इसमें बरसात के कारण थोड़ी नमी पाई जा रही है। इस वजह से इसकी मांग भी प्रभावित है और मूंगफली का हाजिर दाम पहले से एमएसपी से 18-20 प्रतिशत नीचे चल रहा है। इस कारण, मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट दर्ज हुई। बेहद कमजोर कामकाज के बीच बिनौला तेल के दाम स्थिर बने रहे। कपास की अगली फसल अब अक्टूबर में आयेगी।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 7,425-7,475 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 5,825-6,200 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 16,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,705-2,805 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,705-2,840 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,200 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,700-4,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,400-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

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