पटना, 16 जून बिहार के कई जिलों में बुधवार को गंडक नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसके कारण लोग सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को विवश हुए हैं। राज्य का पश्चिमी चंपारण जिला इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
पश्चिम चम्पारण के जिला मुख्यालय बेतिया शहर में कलेक्ट्रेट भवन और जिले में सशस्त्र सीमा बल का एक शिविर जलमग्न हो गया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक कार चालक अपनी जान बचाने के लिए वाहन से बाहर कूदते हुए दिख रहा है।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि उत्तर बिहार के कई हिस्सों और पिछले 48 घंटों में पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में 250 मिमी तक बारिश हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें राज्य में बारिश से ज्यादा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है। वहां भारी वर्षा होने के कारण बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है। आज दोपहर 2 बजे तक चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया।’’
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद तैयारियों की समीक्षा की थी और हमारे सभी तटबंध सुरक्षित हैं।
जिलों से प्राप्त सूचना के अनुसार, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण और मुजफ्फरपुर में गंडक का जलस्तर खतरनाक रूप से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 48 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होगी।
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