एफडीए ने कोविड-19 इलाज के लिए पहली दवाई के रूप में रेमडेसिविर को मंजूरी दी

कैलिफोर्निया की जिलियड साइंसेज इंक इस दवाई को ‘वेकलुरी’ कह रही है और यह पाया गया है कि इस दवाई से मरीज 15 दिन की जगह औसतन 10 दिन में स्वस्थ हो सकते हैं। अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के वृहत अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
एफडीए ने कोविड-19 इलाज के लिए पहली दवाई के रूप में रेमडेसिविर को मंजूरी दी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

कैलिफोर्निया (California) की जिलियड(Jiliyad) साइंसेज इंक (sciences ink) इस दवाई को ‘वेकलुरी’ कह रही है और यह पाया गयस की लाइव इवेंट में फटी रह गई फैंस की आंखें, देखें लेटेस्ट Hot Photos">Disha Patani ने पहनी इतनी बोल्ड ड्रेस की लाइव इवेंट में फटी रह गई फैंस की आंखें, देखें लेटेस्ट Hot Photos

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    एफडीए ने कोविड-19 इलाज के लिए पहली दवाई के रूप में रेमडेसिविर को मंजूरी दी

    कैलिफोर्निया की जिलियड साइंसेज इंक इस दवाई को ‘वेकलुरी’ कह रही है और यह पाया गया है कि इस दवाई से मरीज 15 दिन की जगह औसतन 10 दिन में स्वस्थ हो सकते हैं। अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के वृहत अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं।

    एजेंसी न्यूज Bhasha|
    एफडीए ने कोविड-19 इलाज के लिए पहली दवाई के रूप में रेमडेसिविर को मंजूरी दी
    प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

    कैलिफोर्निया (California) की जिलियड(Jiliyad) साइंसेज इंक (sciences ink) इस दवाई को ‘वेकलुरी’ कह रही है और यह पाया गया है कि इस दवाई से मरीज 15 दिन की जगह औसतन 10 दिन में स्वस्थ हो सकते हैं. अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के वृहत अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं. बसंत (rainy season) के मौसम से आपात आधार पर इस दवाई के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है. यह पहली ऐसी दवाई है जिसे कोविड-19 का इलाज करने के लिए एफडीए (F.D.A.) ने पूरी तरह से अनुमति दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जब इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 से पीड़ित हुए थे, तो उन्हें यह दवा दी गई थी.

    यह भी पढ़े: COVID-19 Sputnik V vaccine’s Clinical Trials In India: रूस की COVID-19 स्पुतनिक वी वैक्सीन का भारत में होगा ट्रायल, अप्रूवल के बाद 100 मिलियन डोसेज भारत में होंगे उपलब्ध.

    यह दवाई उन लोगों को दी जा सकती है, जिन्हें संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ गई है और जिनकी उम्र कम से कम 12 साल और वजन कम से कम 40 किलोग्राम है। एफडीएफ, इसे कम उम्र के मरीजों पर भी पूर्व के आपात नियमों के तहत इस्तेमाल की मंजूरी देगी।

    यह दवाई उस एंजाइम का रास्ता बंद करती है जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में सहयोग करता है।

    मरीजों पर इस दवाई के इस्तेमाल से पहले कुछ जांच की जरूरत होगी। इस दवाई का इस्तेमाल मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के साथ करने से मना किया गया है क्योंकि इससे इसके असरदार होने पर प्रभाव पड़ सकता है.

    एक बयान में जिलियड के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मेर्डाड पार्से (Dr. Medard Parse) ने कहा, ‘‘ हमें अब जानकारी है और कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी चीजें भी बन रही हैं.’’

    उन्होंने बताया कि इस दवाई को 50 देशों में या तो मंजूरी मिल चुकी है या अस्थायी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इसकी कीमत अभी विवाद में है क्योंकि किसी भी अध्ययन में इससे 'जीवित बचने की दर में सुधार' नहीं पाया गया.

    हालांकि पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक वृहत अध्ययन में यह पाया गया कि यह दवाई अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों की मदद नहीं करती है.

    (यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

    COVID-19 Sputnik V vaccine’s Clinical Trials In India: रूस की COVID-19 स्पुतनिक वी वैक्सीन का भारत में होगा ट्रायल, अप्रूवल के बाद 100 मिलियन डोसेज भारत में होंगे उपलब्ध.

    यह दवाई उन लोगों को दी जा सकती है, जिन्हें संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ गई है और जिनकी उम्र कम से कम 12 साल और वजन कम से कम 40 किलोग्राम है। एफडीएफ, इसे कम उम्र के मरीजों पर भी पूर्व के आपात नियमों के तहत इस्तेमाल की मंजूरी देगी।

    यह दवाई उस एंजाइम का रास्ता बंद करती है जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में सहयोग करता है।

    मरीजों पर इस दवाई के इस्तेमाल से पहले कुछ जांच की जरूरत होगी। इस दवाई का इस्तेमाल मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के साथ करने से मना किया गया है क्योंकि इससे इसके असरदार होने पर प्रभाव पड़ सकता है.

    एक बयान में जिलियड के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मेर्डाड पार्से (Dr. Medard Parse) ने कहा, ‘‘ हमें अब जानकारी है और कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी चीजें भी बन रही हैं.’’

    उन्होंने बताया कि इस दवाई को 50 देशों में या तो मंजूरी मिल चुकी है या अस्थायी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इसकी कीमत अभी विवाद में है क्योंकि किसी भी अध्ययन में इससे 'जीवित बचने की दर में सुधार' नहीं पाया गया.

    हालांकि पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक वृहत अध्ययन में यह पाया गया कि यह दवाई अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों की मदद नहीं करती है.

    (यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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