निर्वाचन आयोग ने बिहार का दौरा समाप्त किया, कम मतदान पर जताई चिंता
Election-Commission-

पटना, 21 फरवरी : निर्वाचन चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार में कम मतदान चिंता का विषय है क्योंकि यह वह भूमि है जहां माना जाता है कि लोकतंत्र का जन्म हुआ और जहां के नागरिक अभी भी राजनीतिक रूप से अधिक जागरूक हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. कुमार ने वैशाली के प्राचीन लोकतांत्रिक गणराज्य का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘बिहार को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक माने जाते हैं, फिर भी यहां मतदान प्रतिशत खराब रहा है. 2019 में यह न केवल राष्ट्रीय औसत से कम था बल्कि देश में कम मतदान के मामले में दूसरे स्थान पर रहा था.

जम्मू-कश्मीर में सबसे कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया था.’’ सीईसी ने कहा कि मतदान में सुधार सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जहां यह विशेष रूप से कम मतदान हुआ था.’’ उन्होंने कहा,‘‘हमने देखा है कि 2019 में शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम था. राज्य में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं जो मुख्य रूप से शहरी हैं. इनमें से 12 में (शहरी विधानसभा क्षेत्रों का 75 प्रतिशत) मतदान राज्य के औसत 57.33 प्रतिशत से कम था.’’ यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी, प्रख्यात हस्तियों ने ‘रेडियो की खनकती आवाज’ अमीन सयानी को दी श्रद्धांजलि

सीईसी ने कहा, ‘‘इसके अलावा हमने 47 प्रतिशत से कम मतदान वाले 14 प्रतिशत मतदान केंद्रों की पहचान की है जहां राज्य के औसत से 10 प्रतिशत या उससे अधिक कम मतदान हुआ. नौ जिलों में 31 विधानसभा क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां महिलाओं ने कम मतदान किया था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिला निर्वाचन अधिकारियों को एफएम रेडियो चैनल और सोशल मीडिया जैसे मंचों पर स्थानीय ओं में संदेश का प्रसारित कर बेहतर मतदान सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.’’