देश की खबरें | दिल्ली सरकार के पास विधानसभा में पेश करने के लिए कैग की आठ रिपोर्ट लंबित, अदालत को बताया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि दिल्ली से संबंधित उसकी आठ रिपोर्ट जीएनसीटीडी अधिनियम के अनुसार विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए दिल्ली सरकार के पास लंबित हैं।
नयी दिल्ली, एक दिसंबर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि दिल्ली से संबंधित उसकी आठ रिपोर्ट जीएनसीटीडी अधिनियम के अनुसार विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए दिल्ली सरकार के पास लंबित हैं।
कैग ने कहा है कि कानूनी ढांचे के अनुसार, दिल्ली सरकार को उसके द्वारा प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखनी होती है और उसने पूर्व में प्रमुख सचिव (वित्त) को पत्र लिखकर उनसे ऐसा करने का अनुरोध किया था।
प्राधिकरण ने यह दलील विपक्षी नेताओं की याचिका के जवाब में दी, जिसमें शराब शुल्क, प्रदूषण और वित्त से संबंधित कैग रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इस मामले में कैग और महालेखाकार (लेखा परीक्षा) द्वारा दायर एक संक्षिप्त जवाब में कहा गया, “उत्तरदाता प्रतिवादी के पास उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की आठ रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991 की धारा 48 के प्रावधानों के अनुसार विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास लंबित हैं।”
इसमें कहा गया, “प्रतिवादी ने यह दलील दी है कि संविधान के अनुच्छेद 151(2) के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 48 और विनियमों के अनुसार... जीएनसीटीडी को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जीएनसीटीडी के खातों पर प्रस्तुत लेखापरीक्षा रिपोर्टों को दिल्ली विधानसभा में रखने का निर्देश दिया जाता है।”
जवाब में बताया गया कि 2022 से 2024 तक की रिपोर्ट वित्त लेखा परीक्षा, वायु प्रदूषण, ‘राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रमों’, देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों, शराब और सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित हैं।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन द्वारा दायर याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
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