देश की खबरें | ईडी ने ‘ठग’ चंद्रशेखर की दिल्ली से बाहर के जेल में स्थानांतरित करने संबंधी याचिका का किया विरोध
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को ठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ कई चौंकाने वाले खुलासे किये, जिसमें उसके धन शोधन, वसूली, सार्वजनिक पदों और संवैधानिक पदों पर आसीन अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करने के कृत्य में संलिप्त होने के बारे में बताया गया। इसके साथ ही ईडी ने दिल्ली से बाहर के जेल में स्थानांतरित करने की उसकी याचिका का विरोध किया।
नयी दिल्ली, 20 जून प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को ठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ कई चौंकाने वाले खुलासे किये, जिसमें उसके धन शोधन, वसूली, सार्वजनिक पदों और संवैधानिक पदों पर आसीन अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करने के कृत्य में संलिप्त होने के बारे में बताया गया। इसके साथ ही ईडी ने दिल्ली से बाहर के जेल में स्थानांतरित करने की उसकी याचिका का विरोध किया।
जांच एजेंसी ने धन शोधन और कई लोगों को ठगने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद चंद्रशेखर और उसकी पत्नी की याचिका में हस्तक्षेप करने की मांग की, जिसमें जेल कर्मचारियों से उनकी जान को खतरा होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दिल्ली के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि ईडी याचिका में हस्तक्षेप करना चाहेगी, क्योंकि यह जांच एजेंसी आरोपियों के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है।
मेहता ने कहा कि ईडी को याचिकाकर्ताओं के आचरण के बारे में कुछ कहना है। पीठ मंगलवार को याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई।
अपने हस्तक्षेप आवेदन में ईडी ने कहा कि चंद्रशेखर ने बार-बार अपराध किया है, जिसमें प्रौद्योगिकी के ज्ञान और लोगों को ठगने की कला की मदद से कानूनी व्यवस्था और जेल नियमों को तोड़कर जेल में रहते हुए धन शोधन शामिल है।
ईडी के मुताबिक यह पाया गया कि सुकेश और उसकी पत्नी लीना समय-समय पर अपने सहयोगियों और अन्य की सहायता से एक संगठित अपराध गिरोह चला रहे थे।
संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि जेल के अंदर होने के बावजूद वह लोगों को अपनी इच्छा के अनुसार काम करने या परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था। यह भी बताया कि अपराध से हासिल धन का उपयोग चेन्नई में कार, घर, विभिन्न विलासिता की वस्तुएं, कपड़े आदि खरीदने के लिए किया गया।
इसके अलावा इस पैसे का उपयोग उसकी पत्नी के लिए एक सैलून खोलने, मशहूर हस्तियों को महंगे उपहार देने और जेल में सुविधाओं के प्रबंधन के लिए किया गया।
एजेंसी ने बताया कि वर्तमान मामले में सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में रहते हुए कानून सचिव अनूप कुमार और गृह सचिव अजय भल्ला के रूप में खुद को पेश किया और पार्टी कोष में योगदान के बहाने अदिति सिंह (फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी) से 215 करोड़ रुपये की वसूली की। यह पैसा दीपक रमनानी द्वारा एकत्र किया गया था, जिसे संजय चंद्रा (यूनिटेक समूह के पूर्व प्रमोटर) ने सुकेश से मिलवाया गया था।
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