उत्तरकाशी, 22 नवंबर: निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 10 दिन से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने का रास्ता तैयार करने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग फिर शुरू होने से बचाव अभियान में तेजी आ गयी है. अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन से मंगलवार मध्यरात्रि के बाद फिर से ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है और अब तक मलबे के 45 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है.
ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर को किसी कठोर सतह से टकराने के बाद उससे ड्रिलिंग रोक दी गयी थी. ड्रिलिंग रोके जाने तक मलबे को 22 मीटर तक भेद कर उसके अंदर छह मीटर लंबे 900 मिलीमीटर व्यास के चार पाइप डाले जा चुके थे. अंतिम पाइप का दो मीटर हिस्सा अगले पाइप को जोड़ने के लिए बाहर छोड़ा गया था. अधिकारियों ने बताया कि अब मलबे के अंदर 900 मिलीमीटर की जगह 800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने बताया कि ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू होने के बाद से अब तक कुल 45 मीटर ड्रिलिंग पूरी कर ली गयी है. इससे पहले, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने संवाददाताओं को बताया कि सुरंग में ड्रिलिंग के दौरान '40 से 50' मीटर का हिस्सा 'बहुत महत्वपूर्ण' है. उन्होंने कहा, ‘'हम इसे पार कर लें, इसके बाद हम ज्यादा विश्वास से कह सकते हैं.’’
यह पूछे जाने पर कि अभियान के पूरा होने में अब कितना समय और लगेगा, उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें कोई अड़चन नहीं आती और हम इसी गति से चलते रहे तो हमें बुधवार देर रात या बृहस्पतिवार सुबह तक कोई अच्छी खबर मिल सकती है.’’ ड्रिलिंग फिर शुरू होने से बचाव प्रयासों में तेजी आ गयी है. बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 53 मीटर तक मलबा है जिसे भेदा जाना है. अहमद ने बताया कि वैकल्पिक योजना के तहत सुरंग के बड़कोट छोर की ओर से भी 'क्षैतिज ड्रिलिंग' शुरू की गयी है उन्होंने कहा, ‘‘तीन ब्लास्टिंग की गयी हैं और हम वहां से भी करीब आठ मीटर अंदर प्रवेश कर चुके हैं.’’
उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. बचावकर्मियों को सोमवार को 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन को मलबे के आरपार डालने में सफलता मिली थी जिसके जरिए ज्यादा भोजन सामग्री श्रमिकों तक पहुंचाई जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए 'एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी' कैमरा भेजकर मंगलवार तड़के श्रमिकों के सकुशल होने की पहली तस्वीरें तथा वीडियो मिला था.
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीम ने श्रमिकों के साथ एक आडियो कम्यूनिकेशन चैनल भी स्थापित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘एक तार, एक माइक्रोफोन और एक स्पीकर को मलबे के दूसरी ओर भेजा गया है और इस ओर मौजूद हेडफोन के जरिए उनसे अच्छी तरह बात हो पा रही है.’’ खैरवाल ने कहा कि सबसे पहले श्रमिकों से चिकित्सकों ने बातचीत की और उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना। श्रमिकों ने कब्ज की शिकायत की जिसके लिए उन्हें जरूरी दवाइयां भेजी गयीं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के 'मानसिक स्वास्थ्य' का भी पहलू है जिसके लिए मनोचिकित्सक उनसे एक-एक करके बात करेंगे.
खैरवाल ने कहा कि अंदर मजदूर अच्छी मानसिक स्थिति में हैं और उनका मनोबल उंचा है. उन्होंने कहा कि छह इंच की पाइप स्थापित होने के बाद से उनके पास लगातार ताजा पका भोजन भी पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, तौलिया, अंतर्वस्त्र और ब्रश आदि अन्य जरूरी चीजें भी उन तक पहुंचाई गयी हैं. सुरंग में ड्रिलिंग के अलावा वैकल्पिक तौर पर सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग करने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली.
सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया और उन्हें गत 24 घंटे में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी. धामी ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी का इस कठिन परिस्थिति से निपटने हेतु निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है जो हम सभी को पूरी ताकत से श्रमिक भाइयों को शीघ्र और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नित नई ऊर्जा प्रदान करता है.’’
दीवाली के दिन हुए सुरंग हादसे के बाद से प्रधानमंत्री लगातार मुख्यमंत्री से बात करके अद्यतन जानकारी ले रहे हैं। पिछले तीन दिनों में यह उनकी तीसरी बातचीत है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और वरिष्ठ पार्टी नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने सिलक्यारा पहुंचकर वहां चल रहे बचाव अभियानों का जायजा लिया. मौके पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि सुरंग का निर्माण करते समय सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गयी जिसकी वहज से यह स्थिति पैदा हुई. उन्होंने इसके लिए निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर राजनीति किए जाने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोप पर दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने बचाव कार्य में लगी सभी एजेंसियों को पूरा समर्थन दिया है और उनकी कामना है कि फंसे हुए सभी 41 श्रमिक सुरक्षित घर लौटें लेकिन अगर सरकार की ओर से कोई लापरवाही होगी तो विपक्षी दल होने के नाते जनता को सच बताना उनका दायित्व है.
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