नई दिल्ली, 11 जुलाई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने पार्टी के संगठन को फिर से खड़ा करने एवं मजबूत बनाने की पैरवी करते हुए शनिवार को राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह दोबारा पार्टी की कमान संभालें. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर नरम रुख रखने के पैरोकार कांग्रेस नेताओं पर पर निशाना साधा और सवाल किया कि जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आक्रामक रुख की सराहना नहीं कर सकते, वो पार्टी में क्यों हैं?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "2019 में राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के लिए वस्तुत: मुख्य चुनौती बनकर उभरे थे. उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष अथवा लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के तौर पर पार्टी को खड़ा करने का काम जारी रखना चाहिए था. कांग्रेस में कोई भी उनके विरोध में नहीं है." उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमले से परहेज की पैरवी करने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस में कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री मोदी को लेकर नरम रहने की पैरवी करते हैं? उनके पास यह साहस होना चाहिए कि वे पार्टी के भीतर अथवा सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रखें."
सिंह ने कहा, "मैं निजी तौर पर राहुल जी और प्रियंका जी के आक्रामक रुख का समर्थन करता हूं. वे भारत और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय हित के मुद्दों को उठा रहे हैं. अगर कांग्रेस में कुछ नेता इसकी सराहना नहीं करते तो फिर वे कांग्रेस में क्यों हैं?" उन्होंने कहा, "मैं चिदंबरम जी की सराहना करता हूं कि मनगढंत आरोप में जेल जाने के बाद भी वह नहीं झुके." सिंह के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व को संगठन के निर्माण की चुनौती हाथ में लेनी चाहिए. यहीं पर हमें राहुल जी और प्रियंका जी के बहुआयामी नेतृत्व की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि दोनों में यह दम और साहस है कि वे मोदी-शाह जोड़ी का मुकाबला कर सकें.
उन्होंने कहा, "यह गलत धारणा है कि मोदी-शाह ईडी, आयकर और सीबीआई के जरिए गांधी-नेहरू परिवार को डरा-धमका सकते हैं. यह परिवार अंग्रेजों से निडर होकर लड़ा और वर्षों जेल में रहा. ये लोग बहुत बहादुर हैं. इसलिए मोदी-शाह जी किसी भ्रम में मत रहिए." कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने कहा, "यही पूरे मामले का सार है और यही सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के समक्ष चुनौती है. मुझे यकीन है कि वे ऐसा करेंगे. पूरी कांग्रेस पार्टी, चाहे बुजुर्ग हों या नौजवान, सभी आपके पीछे खड़े हैं और आप लोग जो चाहेंगे वो कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. इसलिए राहुल जी, कृपया नेतृत्व करिए."
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