अमरावती, 23 नवंबर आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार लोकायुक्त का चयन करके इससे संबंधित कानून का पालन करेगी, भले ही राज्य में विपक्ष के नेता चयन समिति का हिस्सा नहीं हैं।
लोकेश ने शुक्रवार को विधान परिषद में आंध्र प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया, जिसमें पांच सदस्यीय चयन समिति की संरचना में संशोधन किया गया है, जिससे विपक्ष के नेता की सदस्य के रूप में आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, खासकर सदन में जब कोई नेता प्रतिपक्ष न हो।
लोकेश ने कहा कि आमतौर पर समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे तथा विधानसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री, विधानसभा में विपक्ष के नेता और विधान परिषद के सभापति इसके सदस्य होंगे।
विधान परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “लेकिन अब सिफारिश यह है कि विधानसभा में विपक्ष का कोई नेता न होने की स्थिति में चयन समिति के अन्य चार सदस्य लोकायुक्त प्रमुख का चयन कर सकते हैं।”
लोकेश ने दावा किया कि 2024 के चुनावों के बाद राज्य में एक नया माहौल उभरा है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त चयन समिति में अब चार सदस्य होंगे क्योंकि कोई विपक्ष का नेता नहीं है।
लोकायुक्त के नेतृत्व पर बोलते हुए लोकेश ने कहा कि आमतौर पर या तो सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश लोकायुक्त के अध्यक्ष होते हैं तथा सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश उपलोकायुक्त का पद संभालते हैं।
संशोधन विधेयक को परिषद ने पारित कर दिया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी को विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं मिलने के मद्देनजर लोकेश की नेता प्रतिपक्ष के बारे में की गयी यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है।
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