Delhi: पाबंदी के बावजूद श्रद्धालुओं ने यमुना के घाटों पर की छठ पूजा,
यमुना में छठ (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 10 नवंबर: दिल्ली में डीडीएमए की रोक के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आईटीओ और सोनिया विहार के पास यमुना नदी के किनारे बने घाटों पर छठ पूजा की. सांसद मनोज तिवारी और परवेश वर्मा सहित भाजपा नेताओं के नेतृत्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे. हालांकि, प्रशासन के लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की.

भाजपा का संदर्भ देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पार्टियों को त्योहार पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. वह स्वयं किदवई नगर और राजा बाजार इलाकों में आयोजित छठ पूजा में शामिल हुए.

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 30 सितंबर को अपने आदेश में यमुना किनारे सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह के आयोजनों पर रोक लगा दी थी. हालांकि, भाजपा द्वारा प्रतिबंध के विरोध के बाद, डीडीएमए ने 29 अक्टूबर को अपने आदेश में यमुना के किनारे को छोड़कर ‘‘निर्धारित स्थलों’’ पर छठ समारोह मनाने की अनुमति दे दी थी.

पश्चिमी दिल्ली से सांसद परवेश वर्मा आईटीओ के नजदीक यमुना घाट पर कृत्रिम तालाब में आयोजित छठ पूजा में शामिल हुए. उन्होंने यमुना घाट पर बड़ी संख्या में छठ पूजा कर रहे लोगों की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘जय छठी मैया की. बस इन्हीं दृश्यों के लिए सारा संघर्ष किया. एक-एक मां बहन को गेट के अंदर प्रवेश करवाया. सुरक्षा और सम्मान की चिंता की और सारी सुविधाएं मुहैया करवाई. हे मैया सब पर अपनी कृपा बनाए रखना.’’

उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने सोनिया विहार में अपने समर्थकों के साथ छठ पूजा में हिस्सा लिया. इस मौके पर एसडीएम और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने उन्होंने रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानें. डीडीएमए के आदेश की अवहेलना पर जिला अधिकारियों ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्येंद जैन, कैलाश गहलोत और गोपाल राय के साथ आप विधायक राघव चड्ढा ने भी पूजा के लिए निर्धारित विभिन्न घाटों का दौरा किया. केजरीवाल ने कहा, ‘‘छठ पूजा आयोजन करने में कई बाधाएं थी लेंकिन छठी मैया की कृपा से सभी बाधाओं को पार कर पाए.’’ यमुना नदी के किनारे छठ पूजा पर रोक के बावजूद श्रद्धालु सुबह से ही नदी के किनारे पहुंचने लगे थे. उन्होंने शिकायत की कि पुलिस और सिविल डिफेंस के कर्मचारी उन्हें रोक रहे हैं.

चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्यत: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड से आकर यहां रह रहे लोग मनाते हैं जिन्हें ‘पूर्वांचली’ कहा जाता है. महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती निर्जला रहकर डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देते हैं जबकि चौथे दिन उगते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने के साथ इस महापर्व का समापन होता है.

दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि छठ पूजा के लिए निर्धारित स्थानों पर पर्याप्त संख्या में जवानों की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि भीड़ प्रबंधन और संभावित आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.

जब यमुना घाटों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा , ‘‘सुरक्षा बलों को नदी तट के किनारे तैनात किया गया है ताकि कोई भी घाट तक नहीं जा सके. अगर वे जाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें रोका जाएगा और वहां से तितर-बितर किया जाएगा.’’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूजा के निर्धारित स्थानों पर डीडीएमए के निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित किया जा रहा है. इस बीच सरकारी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 100 टीमों की तैनाती की गई है.

जिले के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारे कर्मी यहां आ रहे श्रद्धालुओं को राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश की जानकारी दे रहे हैं और दिशानिर्देशों का अनुपालन करने का अनुरोध कर रहे हैं. साथ ही उन्हें अपने आवासीय इलाके में ही छठ पूजा करने को कह रहे हैं. कई लोग संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं.’’

उन्होंने बताया कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी हालात की निगरानी कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा, ‘‘हम छठ पूजा आयोजकों से संवाद कर रहे है और उनसे कह रहे हैं कि वे श्रद्धालुओं को निर्धारित स्थानों पर जाने के लिए कहें जहां पर रोशनी, पानी, शौचालय और चिकित्सा आदि की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि डीडीएमए के आदेश का अनुपालन कराने और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस के जवानों के साथ अर्धसैनिक बलो के जवानों को तैनात किया गया है. दिल्ली सरकार के दावे के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा करने के लिए करीब 800 अस्थायी घाट विभिन्न स्थानों पर बनाए गए हैं.

भाजपा की दिल्ली इकाई ने बुधवार को यहां की अरविंद केजरीवाल सरकार पर नए सिरे से हमला करते हुए आरोप लगाया कि उसने नदी की सफाई में अपनी नाकामी छिपाने के लिए यमुना किनारे छठ पूजा करने पर रोक लगाई है.

गुप्ता ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ अरविंद केजरीवाल जी आपने यमुना नदी किनारे छठ पूजा पर रोक लगाई ताकि आप अपनी सरकार की नदी साफ करने की नाकामी छिपा सके.’’

गत कई साल से आप और भाजपा छठ पूजा को लेकर जुबानी जंग कर रहे हैं.दिल्ली के मतदाताओं में पूर्वांचलियों की अहम हिस्सेदारी के मद्देनजर भाजपा, आप और कांग्रेस इस त्योहार में शामिल होती रही हैं.

आप नेता भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम पर शहर के विभिन्न हिस्सों में घाट बनाने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते रहे हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार भी पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज में कई स्थानों पर गए जहां पर छठ पूजा हो रही है.

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