नई दिल्ली, 29 जुलाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की इस नीति को स्पष्ट करता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा और किसी भी हद तक जाने से नहीं हिचकिचाएगा.रक्षा मंत्री ने उच्च सदन में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.
उन्होंने कहा ‘‘ऑपरेशन सिंदूर भारत की यह नीति स्पष्ट करता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा और किसी भी हद तक जाने से नहीं हिचकिचाएगा.’’सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अपनी संप्रभुता और आत्म-सम्मान की रक्षा करना जानता है.
सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी.ये भी पढ़े:Operation Sindoor: संसाधन प्रबंधन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता में एक निर्णायक कारक था; राजनाथ सिंह
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन सुरक्षा बलों को बधाई देता हूं जिन्होंने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों को ढेर किया. यही वे आतंकी हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष लोगों की जान ली थी.’’राजनाथ सिंह ने बताया कि इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और उन्हें मौजूदा क्षेत्रीय हालात, रणनीतिक विवेक और सैन्य सूझबूझ के अनुसार कार्रवाई करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी.
रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘हमारे बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का विकल्प चुना जिसमें वहां का कोई भी नागरिक हताहत नहीं हुआ.’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रतिक्रिया आत्मरक्षा में थी, यह किसी प्रकार का विस्तारवादी कदम नहीं था. इसका उद्देश्य आतंक के ढांचों को नष्ट करना और यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा.’’
उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई का राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य यह था कि ‘‘पाकिस्तान को उसके द्वारा आतंकवाद को छद्म युद्ध के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दंडित किया जाए.’’
राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने भारत से शत्रुता रोकने की अपील की थी, जिसे भारत ने यह शर्त रखते हुए स्वीकार किया कि ऑपरेशन केवल निलंबित रहेगा, समाप्त नहीं किया जाएगा.उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ है.अगर भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी वारदात होती है, तो हम बिना किसी हिचकिचाहट के ऑपरेशन सिंदूर को दोबारा शुरू करेंगे.’’
इससे पहले दोपहर दो बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने बताया कि सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी और सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखें.इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने प्रक्रिया संबंधी मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन उपसभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह चर्चा के विषय से संबंधित नहीं था.इसके विरोध में टीएमसी के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ सदस्य आसन के समीप भी पहुंचे.उपसभापति ने जब विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो टीएमसी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
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