कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद विदेश से भारतीयों को लाने पर फैसला: सरकार

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने यह भी कहा कि भारत के पास भंडार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 3.28 करोड़ गोलियां हैं और घरेलू जरूरतों और बफर स्टॉक रखने के बाद अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया।

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत से 20,400 ज्यादा विदेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा गया है और विदेश से भारतीयों को लाने का फैसला कोविड-19 की समीक्षा के बाद किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने यह भी कहा कि भारत के पास भंडार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 3.28 करोड़ गोलियां हैं और घरेलू जरूरतों और बफर स्टॉक रखने के बाद अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया।

बहुत से लोगों द्वारा मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना वायरस के खिलाफ इलाज में उपयोगी माना गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कोरोनावायसर से सामुदायिक संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है।

मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 678 और मामले सामने आए हैं जबकि 33 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या अब 6,412 हो गई है जबकि अब तक 199 लोग देश में इससे अपनी जान गंवा चुके हैं।

कोविड-19 की स्थिति के बारे में यहां मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दामू रवि ने कहा, “कई देशों की सरकार द्वारा अनुरोध किया गया था। हमनें कल तक 20,473 विदेशी नागरिकों को सफलतापूर्वक उनके देश भेज दिया है।”

उन्होंने कहा, “यह एक प्रक्रिया है। विदेशों में फंसे भारतीयों को लेकर कुछ सवाल आए हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें हम बंद जारी होने की वजह से कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते। हमें स्थिति का आकलन करना होगा…यह निर्णय सरकार का होगा कि हम दूसरे देशों से भारतीयों को कैसे वापस लाते हैं।”

रवि ने कहा, “हमारे राजदूत और उच्चायुक्त सभी देशों में भारतीयों से नियमित संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव मदद दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय की कोविड-19 हेल्पलाइन चालू हैं और वहां काम कर रहे लोग इस मामलें में उनके सवालों का इस मामले में जवाब दे रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। हम उनकी वापसी के बारे में आगे समीक्षा करेंगे।”

रवि कोविड-19 समन्वयक भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को विभिन्न देशों से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के लिये अनुरोध मिला था और कुछ अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया।

रवि ने कहा, “भारत को कुछ देशों से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन प्राप्त करने के लिये अनुरोध मिला था। घरेलू जरूरतों और पर्याप्त बफर स्टॉक का ध्यान रखने के बाद अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया। भारत में हमारे पास पहले ही 3.28 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां हैं।”

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 24 घंटों के दौरान देश में कोविड-19 के 678 और मामले सामने आए हैं जबकि इस बीमारी से 33 और लोगों की जान गई है।

उन्होंने कहा, “देश में 146 सरकारी प्रयोगशालाएं काम रही हैं और 67 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 की जांच के लिये मंजूरी दी गई है।”

उन्होंने कहा, “देश में अब तक सामुदायिक प्रसार का मामला सामने नहीं आया है लेकिन हमें सतर्क रहना होगा और इस बात का पालन करना होगा कि क्या करना है और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि कल 16,002 लोगों की जांच की गई और सिर्फ 0.2 प्रतिशत मामलों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई।”

अग्रवाल ने कहा कि चिकित्साकर्मियों के खिलाफ दुर्व्यवहार से उनका मनोबलकम होगा और “हमें उनके साथ खड़े होने की जरूरत है।”

अधिकारी ने यह भी कहा कि मीडिया में कुछ ऐसी खबरें कि रेलवे ने लॉकडाउन के बाद यात्रियों के सफर के लिये कुछ दिशानिर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत और सिर्फ कयासबाजी है।

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