देश की खबरें | संरक्षण संबंधी चिंताओं के बावजूद उत्तराखंड के बाघ गलियारे में बांध परियोजना को मिली मंजूरी

नयी दिल्ली, 13 फरवरी केंद्र ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले में दुधवा-लग्गा बाघ गलियारे में जमरानी पेयजल बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए लगभग 400 हेक्टेयर भूमि के उपयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ऐसा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अनुशंसा नहीं करने के बावजूद किया गया है।

इस परियोजना के तहत पहाड़ी राज्य के जमरानी गांव में गोला नदी पर 480 मीटर लंबा और 150.60 मीटर ऊंचा गुरुत्वाकर्षण बांध बनाना शामिल है।

इसमें 20.86 करोड़ घन मीटर (एमसीएम) की अधिकतम क्षमता और 142.72 एमसीएम के लाइव स्टोरेज के साथ एक जलाशय के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसका उपयोग हलद्वानी (42.7 एमसीएम) को पेयजल आपूर्ति, 57,065 (9458 हेक्टेयर जमीन उत्तराखंड की और 47,607 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश की) हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 14 मेगावाट जल विद्युत के उत्पादन के लिए किया जाएगा।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति ने 30 जनवरी को अपनी 77वीं बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

एनबीडब्ल्यूएल के एक सदस्य ने कहा कि यह परियोजना हलद्वानी शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है और बांध की ऊंचाई कम करने और बिजलीघर के निर्माण को छोड़ने का प्रस्ताव रखा।

एनबीडब्ल्यूएल सदस्य सचिव ने उल्लेख किया कि एनटीसीए ने परियोजना की सिफारिश नहीं की थी और साइट निरीक्षण रिपोर्ट पर उसकी टिप्पणी मांगी थी।

एनटीसीए के सदस्य सचिव ने परियोजना पर ‘पीटीआई-’ के सवालों का जवाब नहीं दिया।

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