नयी दिल्ली, 29 नवंबर हाल में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया गया कि जयपुर और रायपुर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियमों ने बार-बार याद दिलाने के बावजूद भूजल के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र के वास्ते आवेदन नहीं किया है।
केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की रिपोर्ट में अधिकरण से इस संबंध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया गया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट ने भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की।
अधिकरण ने मई में सीजीडब्ल्यूए और राज्य भूजल प्राधिकरण (एसजीडब्ल्यूए) को क्रिकेट स्टेडियमों द्वारा लंबित अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) आवेदनों पर शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
क्रिकेट स्टेडियमों के रखरखाव के लिए भूजल के उपयोग के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने न तो वैकल्पिक जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) के पानी का उपयोग किया, न ही भूजल को संग्रहीत करने और फिर से भरने के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की।
सीजीडब्ल्यूए ने 20 नवंबर की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया कि उसने हरित निकाय को सूचित किया था कि बीसीसीआई ने 26 स्टेडियमों की एक सूची प्रदान की थी, जिनमें से 14 सीजीडब्ल्यूए द्वारा और शेष एसजीडब्ल्यूए द्वारा विनियमित थे।
इन 14 स्टेडियमों में से तीन ने एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया था। इनमें कटक स्थित बाराबती क्रिकेट स्टेडियम, जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम और रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हैं।
एनओसी की वर्तमान स्थिति के बारे में, उसने कहा कि बाराबती स्टेडियम को 13 नवंबर को प्रमाणपत्र जारी किया गया था, लेकिन जयपुर और रायपुर के स्टेडियमों ने एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया।
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