नयी दिल्ली, 13 दिसंबर गुरुग्राम की एक विशेष अदालत ने हरियाणा से कांग्रेस के पूर्व विधायक धरम सिंह छौक्कर के बेटे सिकंदर सिंह छौक्कर और उनसे संबद्ध कुछ रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल धन शोधन के आरोप पत्र का संज्ञान लिया है।
अभियोजन पक्ष की शिकायत 26 जून को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत अदालत में दायर की गई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि अदालत ने 5 दिसंबर को इसका संज्ञान लिया। इस संबंध में, पूर्व विधायक और उनके बेटे से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनके फोन पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
आरोपियों में सिकंदर सिंह छौक्कर, माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और डी एस होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड जैसी उनसे जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।
ईडी ने सिकंदर को 30 अप्रैल को हरिद्वार के एक होटल से गिरफ्तार किया था। एक विशेष पीएमएलए अदालत ने धन शोधन मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
यह मामला सिकंदर के स्वामित्व वाली कंपनी (माहिरा समूह) द्वारा घर खरीदारों से कथित रूप से ठगी करने से संबद्ध है।
धरम सिंह छौक्कर पानीपत जिले की समालखा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक हैं। उनकी पार्टी ने हालिया हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें इसी सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन वह हार गए।
ईडी ने कहा कि पूर्व विधायक और उनका दूसरे बेटे विकास छौक्कर इस मामले में ‘‘फरार हैं और जांच में शामिल नहीं हुए हैं।’’
ईडी ने आरोप लगाया कि माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, सीजर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड और माहिरा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर 68, 103 और 104 जैसे इलाकों में आवास देने का वादा कर हजारों घर खरीदारों से लगभग 616.41 करोड़ रुपये जुटाये थे, लेकिन वे घर देने में ‘‘विफल’’ रहे और कई समय सीमा को पार कर गए।
उन पर घर खरीदारों से एकत्रित धन को अपने निजी लाभ के लिए ‘‘हस्तांतरित’’ करने का आरोप है। ईडी ने आरोप लगाया कि माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने समूह की इकाइयों में ‘‘फर्जी’’ निर्माण व्यय दर्ज कर और आभूषण खरीदने, शादी के खर्च आदि जैसे खर्च कर घर खरीदारों के पैसों का हेरफेर किया।
आरोप पत्र के अनुसार, निदेशकों और प्रवर्तकों ने निजी लाभ के लिए घर खरीदारों के पैसे को ऋण के रूप में समूह की अन्य इकाइयों को दे दिया।
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