देश की खबरें | अदालत ने एनजीओ, आध्यात्मिक नेता को निशाना बनाने वाले वीडियो को न हटाने पर गूगल से जवाब मांगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुंबई की एक अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद यूट्यूब पर एक एनजीओ और आध्यात्मिक नेता के खिलाफ पोस्ट किए गए अपमानजनक और अश्लील वीडियो को कथित तौर पर न हटाने के लिए गूगल को नोटिस जारी किया है।

मुंबई, 29 नवंबर मुंबई की एक अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद यूट्यूब पर एक एनजीओ और आध्यात्मिक नेता के खिलाफ पोस्ट किए गए अपमानजनक और अश्लील वीडियो को कथित तौर पर न हटाने के लिए गूगल को नोटिस जारी किया है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (बैलार्ड एस्टेट) ए यू बहिर ने पिछले सप्ताह गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर गूगल को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई तीन जनवरी, 2025 को होगी।

पशु कल्याण के लिए समर्पित होने का दावा करने वाले एनजीओ ध्यान फाउंडेशन ने कहा है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके और आध्यात्मिक नेता योगी अश्विनी के खिलाफ यूट्यूब वीडियो का लिंक प्रसारित किया है।

याचिका में कहा गया कि आपत्तिजनक सामग्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से साझा किया गया तथा एनजीओ और योगी अश्विनी की छवि को धूमिल किया गया।

अपनी अवमानना ​​याचिका में, एनजीओ ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका को स्वीकार कर लिया था और 31 मार्च, 2024 को यूट्यूब को आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि, वीडियो अभी भी भारत के बाहर यूट्यूब पर दिखाई दे रहा है और हर कोई इसे देख सकता है।

याचिका में कहा गया है कि गूगल ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना ​​करते हुए वीडियो नहीं हटाया। एनजीओ के वकील राजू गुप्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी, ‘‘ध्यान फाउंडेशन और योगी अश्विनी जी के बेदाग चरित्र और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हुए गूगल देरी की रणनीति अपना रहा है और तुच्छ आधार पर स्थगन का अनुरोध कर रहा है।’’

स्थानीय थाने के वरिष्ठ निरीक्षक को भी नोटिस जारी किया गया है, जिन पर एनजीओ ने वीडियो हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।

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