नयी दिल्ली, 17 सितंबर : उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर एक वस्तु स्थिति रिपोर्ट सौंपने का मंगलवार को निर्देश दिया, जहां पिछले महीने एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. शीर्ष न्यायालय ने दुष्कर्म तथा हत्या की घटना के संबंध में सीबीआई द्वारा दाखिल वस्तु स्थिति रिपोर्ट पर भी गौर किया और कहा कि स्थिति का खुलासा करने से आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी. घटना से संबंधित स्वत: सज्ञान मामले में सुनवाई के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि यह जनहित का मामला है और जनता को पता होना चाहिए कि अदालत कक्ष में क्या हो रहा है.
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट पर गौर किया और कहा कि स्थिति का खुलासा करने से आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी. सुनवाई शुरू होने पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने का अनुरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि चैम्बर की महिला वकीलों को तेजाब हमले और दुष्कर्म की धमकियां मिल रही हैं. न्यायालय ने सिब्बल को आश्वस्त किया कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा होगा तो वह कदम उठाएगा. सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय में कहा कि विकिपीडिया अब भी मृतका का नाम और तस्वीर दिखा रहा है. इसके बाद शीर्ष अदालत ने विकिपीडिया को मृतका का नाम हटाने का निर्देश दिया. यह भी पढ़ें : आंदोलनकारी चिकित्सकों का धरना जारी, जमीनी स्तर पर कार्रवाई का इंतजार
पीठ ने कहा, ‘‘मृतका की गरिमा और निजता बनाए रखने के लिए, शासकीय सिद्धांत यह है कि बलात्कार और हत्या के मामले में मृतका की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा. विकिपीडिया पहले दिए आदेश के अनुपालन के लिए कदम उठाए.’’ न्यायालय ने यह भी कहा कि कोई यह नहीं कह सकता है कि सीबीआई ने अपराध, घटनास्थल या 27 मिनट की सीसीटीवी फुटेज से संबंधित कुछ भी नष्ट कर दिया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अदालत को बताया कि सीसीटीवी फुटेज समेत अपराध से संबंधित कोई भी सामग्री उसके पास नहीं हैं तथा सब कुछ सीबीआई को सौंप दिया गया है. उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से चिकित्सा विभागों में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर अभी तक की गयी जांच पर वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. उसने सीबीआई को कोलकाता दुष्कर्म एवं हत्या मामले में मृतका के माता-पिता द्वारा दी गयी सूचना की जांच करने का भी निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का ‘रात्रियर साथी’ कार्यक्रम महिला चिकित्सकों के करियर पर प्रतिकूल असर डालेगा. इस कार्यक्रम में महिला चिकित्सकों की रात की ड्यूटी न लगाने का प्रावधान है.
पीठ ने अस्पतालों में चिकित्सकों, अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठेके पर कर्मचारियों की भर्ती करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया. पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायालय में कहा कि वह महिला चिकित्सकों के लिए काम के घंटे 12 घंटे तक सीमित करने और रात की ड्यूटी न लगाने की अपनी अधिसूचना वापस लेगी. इस मामले की सुनवाई अभी जारी है. महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. उस शव पर गंभीर चोटों के निशान थे. कोलकाता पुलिस ने अगले दिन इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपे जाने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने अगले दिन यानी 14 अगस्त को जांच संभाल ली थी