देश की खबरें | अदालत ने मकोका ममाले में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

नयी दिल्ली, 12 जून दिल्ली की एक अदालत ने एक संगठित अपराध सिंडिकेट के एक कथित सरगना को जमानत देने से इनकार कर दिया है। यह कथित सरगना महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत आरोपों का सामना कर रहा है।

अदालत ने यह कहते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया कि उसके खिलाफ आरोपों की प्रकृति गंभीर है।

भूपेंद्र कसाना को 2017 में हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या का प्रयास, दंगों तथा शस्त्र अधिनियम और उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज कई मामलों में शामिल पाया गया था जिसके बाद उस पर मकोका लगाया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने अभियोजन पक्ष के बयान पर भरोसा करते हुए उसकी जमानत याचिका रद्द कर दी। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि संगठित अपराध सिंडिकेट की साजिश और प्रबंधन में उसकी भूमिका प्रथम दृष्टया स्थापित हो गई है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की प्रकृति बहुत गंभीर है। यदि इस स्तर पर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उसके द्वारा उन्हें (गवाहों) को धमकाने या डराने-धमकाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाती है।’’

दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक एस के त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि कसाना अपने दो सह-आरोपी भाइयों के साथ आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए लगातार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था।

कसाना के वकील एडवोकेट जे पी बंसल ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया जा रहा है और पुलिस ने प्रतिशोध में उनके और उनके भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)