नयी दिल्ली, 9 अप्रैल : उच्चतम न्यायालय ने जेल में बंद उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी की 10 अप्रैल को ‘फातिहा’ रस्म में शरीक होने की मंगलवार को अनुमति दे दी. न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद, 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी. गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने अंसारी खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे जिनमें से कुछ में उसे अदालत ने दोषी करार दिया था.अब्बास, कुछ आपराधिक मामलों के सिलसिले में न्यायिक हिरासत के तहत अभी उत्तर प्रदेश की कासगंज जेल में बंद है.
अपने पिता की ‘फातिहा’ रस्म में शरीक होने की अनुमति मांगने संबंधी उसकी अर्जी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आई. पीठ ने कहा कि रस्म में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है. कानून-व्यवस्था बरकरार रखने पर उत्तर प्रदेश सरकार के आशंका जताये जाने के बाद, शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में उसके पैतृक निवास स्थान गाजीपुर ले जाया जाए. न्यायालय ने राज्य पुलिस प्रमुख को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो. यह भी पढ़ें: Allahabad HC react on POCSO Act: क्या आरोपी और पीड़ित के बीच समझौते से पॉक्सो केस हो सकता है रद्द? जानें इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
पीठ ने कहा कि अब्बास अंसारी को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए. न्यायालय ने कहा कि उसे 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए. अब्बास ने पूर्व में, शीर्ष अदालत का रुख कर अपने पिता की अंत्येष्टि में शामिल होने की अनुमति मांगी थी लेकिन उसकी याचिका समय रहते सूचीबद्ध नहीं हो सकी और अंत्येष्टि संपन्न हो गई. मऊ से पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी की अंत्येष्टि कड़ी सुरक्षा के बीच 30 मार्च को गाजीपुर में हुई थी.