राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बघेल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉकडाउन की स्थिति में राज्यों को अपनी अपनी सीमा में आर्थिक गतिविधियां के परिचालन की अनुमति देने की छूट होनी चाहिए। उन्होंने संकट के समय सूक्ष्म, लधु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक सेम्पल लिए जाने और वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया।
बघेल ने प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ली गयी विडियो कांफ्रेंसिंग में यह सुझाव दिया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि कोरोना वयरस संक्रमणकी जांच की सुविधा बढ़ायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा परीक्षण किट की खरीदी के लिए तय की गई गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश नहीं होने से संशय की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर द्वारा लगातार आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है। लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण लोगों को सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले इस महत्वपूर्ण सेक्टर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। उन्होंने इन उद्योगों को बचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र आर्थिक पैकेज दिए जाने की घोषणा करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में देश में सर्वप्रथम 21 मार्च से लाकडाउन लागू किया गया। इसका कड़ाई से पालन होने के कारण यहां बेहतर स्थिति है। राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 18 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं। इनमें अब तक 10 स्वस्थ्य हो चुके हैं। शेष आठ मरीजों की हालत सामान्य है। तबलीगी जमात के सात सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इन सभी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत भी सामान्य है। राज्य में अब तक किसी भी व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 28 जिलों में केवल पांच जिलों से ही कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए हैं शेष 23 जिलों में कोई संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है। राज्य में अब तक 3,473 सेम्पल लिए गए हैं। प्रतिदिन औसत 135 सेम्पल लिए जा रहे हैं, जो अत्यंत कम हैं। कम परीक्षण होने के कारण यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वास्तव में कोविड-19 वायरस की स्थिति नियंत्रण में है अथवा नहीं। प्रतिदिन तीन से पांच हजार सेम्पल लेने की आवश्यकता है। इस संबंध में पूर्व में भी अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया कि राज्य में तबलीगी जमात के 107 सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। इनमें से एक सदस्य का इलाज चल रहा है, कल ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा में हजारों लोग फंसे हैं। उन्हें अभी राज्य की सीमा के बाहर ही क्वारेंटाइन करके रखा गया है। लेकिन इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इनमें कई यात्री और परिवार के लोग भी हैं जो अपने घरों में जाना चाहते हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश की अपेक्षा है।
बघेल ने बताया कि इस दौरान बताया कि राज्य में 56 लाख परिवारों में से 47 लाख गरीब परिवारों को दो माह का एक मुश्त राशन निःशुल्क दिया गया है इसके अलावा, शक्कर, नमक का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बाजार बंद है जिससे वनोपज की खरीदी-बिक्री नहीं हो पा रही है। अनुसूचित क्षेत्रों में लघुवनोपज महुआ, इमली के संग्रहण और खरीदी का कार्य वन समितियों के माध्यम से चल रहा है। इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन के लिए राज्यों को अनुमति मिलनी चाहिए।
राज्य में ढ़ाई लाख परिवारों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है। 77 हजार लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। राज्य की सीमाओं में 10 हजार लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सड़क, वायु और रेल के माध्यम से अंतर्राज्यीय आवागमन सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या और उनकी स्थिति को देखते हुए राज्य में आर्थिक गतिविधियों में छूट दी जाय अथवा नहीं, यह निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को दिया जाना उचित होगा।
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