देश की खबरें | एटीसी की चिंताओं पर विचार करें, अदालत ने ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच के मुद्दे पर समिति से कहा

नयी दिल्ली, तीन मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने पायलटों और चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच के मुद्दे को देख रही चिकित्सीय समिति को सोमवार को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी) की चिंताओं पर भी विचार करे।

समिति यह देख रही है कि क्या पायलटों और चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच किए जाने की आवश्यकता है या विकल्प के रूप में रक्त की जांच पर्याप्त होगी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने यह निर्देश ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच के खिलाफ एटीसी गिल्ड की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

एटीसी गिल्ड ने अपनी याचिका में अदालत से आग्रह किया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच की जगह वैकल्पिक प्रोटोकॉल की तलाश करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने समिति से एटीसी गिल्ड की चिंताओं पर विचार करने को कहा और मामले में आगे की सुनवाई के लिए पांच मई की तारीख निर्धारित कर दी।

इसी तरह की याचिका इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने भी दायर की है जिसपर उच्च न्यायालय ने गत 27 अप्रैल को चिकित्सीय समिति गठित करने का आदेश दिया था।

पिछले साल मार्च में, उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में एटीसी के लिए ट्यूब प्रक्रिया के जरिए ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच को निलंबित करने को कहा था।

हालांकि, सितंबर 2020 में इसने एक चिकित्सीय बोर्ड की सिफारिश पर अपने अंतरिम आदेश में संशोधन कर ट्यूब प्रक्रिया के जरिए ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच की अनुमति दे दी थी।

बोर्ड ने सिफारिश की थी कि एक व्यक्ति के लिए एक मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा और अगले 12 घंटे तक इसे किसी दूसरे व्यक्ति पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

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