नयी दिल्ली, 27 अप्रैल : कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया में जनता का भरोसा बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक इस्तेमाल पर अपना राजनीतिक अभियान जारी रखेगी. उसने यह बात तब कही जब उच्चतम न्यायालय ने ‘ईवीएम’ के जरिये डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) के साथ शत-प्रतिशत मिलान कराने संबंधी याचिकाएं खारिज कर दीं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वीवीपैट पर उच्चतम न्यायालय द्वारा आज खारिज की गई याचिका में कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी.
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "हमने दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले पर ध्यान दिया है. परंतु चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले को कांग्रेस के लिए ''करारा तमाचा'' बताए जाने पर भी निशाना साधा और कहा कि जब शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया तो भाजपा को ''करारा तमाचा'' लगा था. कांग्रेस महासचिव ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘याद रखें कि कुछ हफ्ते पहले उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार से भरी चुनावी बॉण्ड योजना को न केवल अवैध, बल्कि असंवैधानिक घोषित करके प्रधानमंत्री को करारा तमाचा मारा था.’’ यह भी पढ़ें : नेत्रवती नदी के बीच पावूर उलिया द्वीप में रहने वाले मतदाता नाव से पहुंचे मतदान केन्द्र
रमेश ने कहा, ‘‘ वास्तव में यह प्रधानमंत्री हैं जिन्हें चंदा इकट्ठा करने के अपने सुप्रलेखित चार रास्तों के माध्यम से पिछले पांच वर्षों में 8,200 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए-
1. चंदा दो, धंधा लो
2. ठेका लो, घुस दो
3. हफ्ता वसूली
4. 'फ़र्ज़ी कंपनियाँ.’’
शुक्रवार को शीष अदालत ने ईवीएम के माध्यम से डाले गए मतों का ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) के साथ पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि प्रणाली के किसी भी पहलू पर "आँख बंद करके अविश्वास" करना अनुचित संदेह पैदा कर सकता है.