विजयवाड़ा, 13 दिसंबर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने ‘‘स्वर्ण आंध्र-2047’’ विजन दस्तावेज शुक्रवार को जारी किया, जिसका उद्देश्य राज्य को ‘समृद्ध, स्वस्थ और खुशहाल’ बनाना है।
मुख्यमंत्री ने विजयवाड़ा स्थित इंदिरा गांधी नगर स्टेडियम में आयोजित जनसभा के दौरान इसकी घोषणा की थी, जिसमें दक्षिणी राज्य के सुनहरे भविष्य के लिए 10 सिद्धांत (पदी सुत्रलु) और एक दृष्टिकोण को शामिल किया गया है।
नायडू ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम यहां एक नये इतिहास की शुरुआत करने के लिए एकत्र हुए हैं। हम ‘स्वर्ण आंध्र-2047’ विजन का अनावरण कर रहे हैं जो राज्य की दिशा बदल देगा। तेलुगु समुदाय को आज विश्व के शीर्ष समुदाय के रूप में बदलने की नींव रखी गई है और मैं आप सभी को बता रहा हूं कि यह संभव है।’’
भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण दक्षिणी राज्य की युवा पीढ़ी की किस्मत और भविष्य को बदल देगा।
स्वर्ण आंध्र-2047 विजन के दस सिद्धांतों में कोई भी गरीब नहीं, रोजगार, कौशल, मानव संसाधन विकास, जल की उपलब्धता, किसान-कृषि तकनीक और विश्व स्तरीय रसद परिवहन शामिल है। इसके अलावा, अन्य सिद्धांतों में ऊर्जा और ईंधन लागत का अनुकूलन, उत्पाद पूर्णता, स्वच्छ आंध्र और जीवन के सभी क्षेत्रों में गहन तकनीक का समावेश शामिल है।
अमरावती सचिवालय में हाल ही में जिलाधिकारियों के दूसरे सम्मेलन के दौरान नायडू ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार (राजग) का शासन राज्य, जिला, मंडल और पंचायत स्तर पर स्वर्ण आंध्र-2047 विजन पर आधारित होगा।
नायडू ने नवंबर में विधानसभा सत्र के दौरान अगले 23 साल में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए स्वर्णआंध्र 2047 विजन दस्तावेज पेश किया था।
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