ताजा खबरें | पाठ्यपुस्तकों में बदलाव बच्चों की बौद्धिकता के लिए खतरा: तृणमूल कांग्रेस

नयी दिल्ली, एक अगस्त तृणमूल कांग्रेस की सांसद प्रतिमा मंडल ने ‘‘प्रमुख मुस्लिम शासकों से संबंधित अध्याय हटाने’’ और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ को हटाने को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वर्तमान सरकार के तहत पाठ्यपुस्तकों में बदलाव से बच्चों की बौद्धिकता के लिए खतरा पैदा हो रहा है।

शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए मंडल ने कहा कि सरकार की नीतियां न केवल देश के शैक्षिक मानकों को ऊपर उठाने में विफल रही हैं, बल्कि क्रमबद्ध रूप से उन मूलभूत सिद्धांतों को भी नष्ट कर दिया गया है जो छात्रों के समान अवसर और समग्र विकास को सुनिश्चित करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा सरकार के तहत पाठ्यपुस्तकों का क्रमिक संशोधन हमारे बच्चों की शिक्षा और बौद्धिकता के लिए खतरा पैदा करता है।’’

मंडल ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को ‘‘वैज्ञानिक रूप से गलत’’ घोषित किया था और पाठ्यक्रम में बदलाव का आह्वान किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘डार्विन के सिद्धांत को कक्षा 9 और 10 के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया था। 2022-23 तक इसे पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया गया। लाखों छात्रों में अब आधुनिक जीव विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत पर औपचारिक ज्ञान का अभाव है।’’

टीएमसी सांसद ने कहा, ‘‘एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से प्रमुख मुस्लिम शासकों और उनके योगदान पर अध्यायों को हटाना, 2022 के गुजरात दंगों जैसी घटनाओं के संदर्भ को हटाना, महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े घटनाक्रम की बातों को बदलना और वैज्ञानिक सिद्धांतों के बजाय पौराणिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना, कुछ ऐसे बिंदु हैं जिनकी शिक्षाविदों द्वारा व्यापक रूप से आलोचना की गई है।’’

तृणमूल के सौगत राय ने शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में कम बजटीय प्रावधान के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को उद्धृत करते हुए कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार के बिना भारत विकास के पथ पर सुगमता से नहीं चल सकेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार पैसे खर्च कर रही है लेकिन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि देश में एक भी संस्थान दुनिया के 100 शीर्ष संस्थानों में शामिल नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम गूगल में सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट में सत्य नडेला के शीर्ष पद पर होने का उदाहरण देकर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकते, लेकिन बाकी के भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर साइबर पुलिस का काम करते हैं।’’

समाजवादी पार्टी की इकरा चौधरी ने भी कहा कि पाठ्यक्रम से मुगलकालीन इतिहास को हटाकर उसे प्रभावित किया जा रहा है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के रूप में समायोजित करने की मांग केंद्र सरकार से की।

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