नयी दिल्ली, 25 नवंबर सरकार ने सोमवार को 2,481 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ देश के एक करोड़ किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले का उद्देश्य टिकाऊ खेती के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया, ‘‘मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने और रसायन मुक्त भोजन के साथ लोगों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने की जरूरत है... प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन एक पथ-प्रदर्शक निर्णय है।’’
उन्होंने कहा कि 2,481 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय वाले इस मिशन में देशभर के एक करोड़ किसान शामिल होंगे।
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 और वर्ष 2022-23 में सफल प्रयोगों के बाद प्राकृतिक खेती को मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल देशभर में लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है।
ताजा योजना के तहत 15,000 समूहों के माध्यम से 7.5 लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए इच्छुक पंचायतों का चयन किया जाएगा और एक लाख रुपये की शुरुआती पूंजी सहायता दी जाएगी। इसके अलावा कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10,000 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और 200 स्थानीय प्राकृतिक खेती संस्थानों में लगभग 18.75 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके अलावा किसानों की मदद के लिए एक ऑनलाइन डिजिटल मंच भी स्थापित किया जाएगा।
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