ब्रुनेई, सिंगापुर भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में अहम भागीदार: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, 3 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रुनेई और सिंगापुर को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए उसके दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार करार दिया और कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के अलावा वृहद आसियान क्षेत्र के साथ भी भारतीय साझेदारी और मजबूत होगी. प्रधानमंत्री मंगलवार की सुबह ब्रुनेई और सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए. यात्रा पर रवाना होने से पहले उन्होंने एक बयान में उक्त बातें कहीं. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. मोदी ने कहा, ‘‘जैसा कि हम अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, मैं सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, ताकि हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके.’’ प्रधानमंत्री ब्रुनेई से चार सितंबर को सिंगापुर जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मिलने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं.’’ प्रधानमंत्री के अनुसार, वह सिंगापुर के व्यावसायिक समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिंगापुर के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी, विशेष रूप से उन्नत विनिर्माण, डिजिटलीकरण और सतत विकास के नये एवं उभरते क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को और गहरा करने के लिए चर्चा की उम्मीद करता हूं.’’ मोदी ने कहा, ‘‘दोनों देश (सिंगापुर और ब्रुनेई) हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार हैं. मुझे विश्वास है कि मेरी यात्राओं से ब्रुनेई, सिंगापुर और वृहद आसियान क्षेत्र के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी.’’ यह भी पढ़ें : क्या प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को ‘हाईजैक’ कर जातिगत जनगणना कराएंगे: जयराम रमेश

सिंगापुर दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत भी है. बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा इन दोनों देशों की उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ उनके संबंधों को और प्रगाढ़ करना है. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा था कि भारत और ब्रुनेई ‘रक्षा क्षेत्र में एक संयुक्त कार्य समूह’ स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी करीब छह साल बाद सिंगापुर की यात्रा करने वाले हैं.

मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में सिंगापुर की यात्रा की थी. मजूमदार ने कहा कि सिंगापुर ने प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में उनकी यात्रा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब सिंगापुर में नए नेता ने सत्ता संभाली है और यह हमारे जीवंत द्विपक्षीय संबंधों के अगले चरण के लिए मंच तैयार करने का उपयुक्त समय है.’’ विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री की इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में हमारा सहयोग और मजबूत होगा और नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे.