देश की खबरें | ब्रिटिश संग्रहालय ने चोरी हुई कांस्य की मूर्ति तमिलनाडु को लौटाने पर सहमति जताई: पुलिस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक प्राचीन मंदिर से तिरुमंगई अलवर की कांस्य की मूर्ति के चोरी होने के संबंध में अपराध जांच विभाग (मूर्ति शाखा) द्वारा सबूत पेश किए जाने के बाद लंदन में ‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ का ‘एशमोलियन’ संग्रहालय मूर्ति को लौटने के लिए सहमत हो गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
चेन्नई, 29 नवंबर तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक प्राचीन मंदिर से तिरुमंगई अलवर की कांस्य की मूर्ति के चोरी होने के संबंध में अपराध जांच विभाग (मूर्ति शाखा) द्वारा सबूत पेश किए जाने के बाद लंदन में ‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ का ‘एशमोलियन’ संग्रहालय मूर्ति को लौटने के लिए सहमत हो गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यहां एक विज्ञप्ति में कहा गया कि तमिलनाडु सीआईडी (मूर्ति शाखा) पुलिस को हाल ही में भेजे गए संदेश में ‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ ने मूर्ति को भारत को लौटाने पर अपनी सहमति व्यक्त की है जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जाती है। इसमें कहा गया कि सीआईडी (मूर्ति शाखा) के प्रयासों के कारण यह संभव हुआ है।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘उन्होंने (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) लंदन से मूर्ति को भेजने में आने वाली लागत को वहन करने का भी वादा किया है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इसे पूजा के लिए मंदिर को लौटा जा रहा है। चोरी की गई मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर वापस लाने के प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
इस मूर्ति को एक माह के भीतर तमिलनाडु लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस महानिदेशक शंकर जिवल ने तिरुमंगई अलवर की मूर्ति की पहचान स्थापित करने तथा इसकी वापसी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सीआईडी (मूर्ति शाखा) के असाधारण कार्य की सराहना की।
‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ के प्रतिनिधि ने जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक पी चंद्रशेखरन द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और प्रमाणों की समीक्षा की, जिससे तिरुमंगई अलवर की कांस्य मूर्ति की वास्तविक उद्गम की पुष्टि हुई।
इसके कारण प्रतिनिधि ने यूनिवर्सिटी को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की काउंसिल ने गहन विचार-विमर्श के बाद स्वीकार किया कि मूर्ति को श्री सुंदरराज पेरुमल मंदिर से गलत तरीके से हटा दिया गया था।
इस मामले में सफलता के अलावा, सीआईडी (मूर्ति शाखा) शेष तीन मूर्तियों को वापस लाने के लिए प्रयास में जुटी है जिनमें कालिया नाग पर नृत्य करते श्रीकृष्ण की मूर्ति, विष्णु और श्रीदेवी की मूर्ति शामिल हैं। ये मूर्तियां कुंभकोणम में श्री सुंदरराज पेरुमल मंदिर से तिरुमंगई अलवर की मूर्ति के साथ ही चुराई गई थीं और वर्तमान में ये अमेरिका के संग्रहालयों में हैं।
तिरुमंगई अलवर की मूर्ति को 1967 में लंदन के ‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ के ‘एशमोलियन’ संग्रहालय द्वारा खरीदा गया था।
जांच से पता चला कि वर्तमान में श्री सुंदरराज पेरुमल मंदिर में पूजा के लिए इन चार मूर्तियों की केवल प्रतिकृतियों का उपयोग किया जाता है, जबकि असली मूर्तियां विदेशी संग्रहालयों में हैं।
सीआईडी (मूर्ति शाखा) के पुलिस महानिरीक्षक आर दिनाकरन के मार्गदर्शन और शाखा के पुलिस अधीक्षक आर शिवकुमार के नेतृत्व में जांच अधिकारियों ने चोरी की गई चारों मूर्तियों की पहचान स्थापित करने के संबंध में सभी वैज्ञानिक साक्ष्यों को सावधानीपूर्वक जुटाया।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘अधिकारियों ने सबूतों को उन देशों के संबंधित अधिकारियों को भेज दिया है जहां ये मूर्तियां वर्तमान में हैं।’’
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