लंदन, 29 नवंबर ब्रिटेन की संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में सांसदों ने इंग्लैंड और वेल्स में असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्तियों को अपना जीवन समाप्त करने के लिए चिकित्सकीय सहायता का अनुरोध करने की अनुमति देने वाले ऐतिहासिक विधेयक के पक्ष में शुक्रवार को मतदान किया।
लेबर पार्टी की सांसद किम लेडबीटर द्वारा गैर सरकारी विधेयक के रूप में प्रस्तुत किए गए असाध्य रोग से पीड़ित वयस्कों (जीवन समाप्ति) विधेयक के पक्ष में 330 मत पड़े, जबकि विपक्ष में 275 मत पड़े।
इसका यह मतलब है कि विधेयक को संशोधन एवं विचार के लिए संसद के उच्च सदन ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ में भेजा जाएगा।
विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘देश भर के लोगों ने आज के मतदान पर बहुत करीबी नजर रखी होगी।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कानून में बदलाव का फैसला संसद को करना है और प्रधानमंत्री ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वह ऐसा कुछ नहीं कहेंगे या करेंगे, जिससे अन्य लोगों पर उनके वोट के संबंध में दबाव पड़े। हर सांसद को अपना मन बनाना होगा और तय करना होगा कि वे क्या करना चाहते हैं।’’
लेडबीटर पिछले कई सप्ताह से इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से अभियान चला रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि उनके विधेयक में दुनिया के किसी भी समान कानून की तुलना में ‘‘सबसे मजबूत सुरक्षा उपाय’’ शामिल हैं।
विधेयक में किये गए प्रावधान के अनुसार, असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने संबंधी फैसले को दो चिकित्सकों की मंजूरी की जरूरत होगी, जिसके बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और संस्कृति मंत्री लिसा नंदी उन ब्रिटिश-भारतीय सांसदों में शामिल हैं जिन्होंने विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
वहीं, शैडो विदेश मंत्री प्रीति पटेल और पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन विधेयक के खिलाफ मतदान करने वालों में शामिल हैं।
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