नयी दिल्ली, 12 दिसंबर : वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोविड-19 रोधी बूस्टर खुराक से परिसंचारी एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है और यह भी देखा गया है कि इससे ओमीक्रोन संक्रमण से बचाव की संभावना में भी इजाफा होता है. वैज्ञानिकों ने रेखांकित किया कि बूस्टर खुराक उन लोगों के बचाव के लिये सबसे आसान कदम है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है.
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा है कि ओमीक्रोन के खिलाफ प्रभावी माने जाने वाले कोविशील्ड टीके की बूस्टर खुराक और कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक ओमीक्रॉन स्वरूप से संक्रमण से 70-75 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विषाणु वैज्ञानिकों और महामारी विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि (पोलियो या ओपीवी, खसरा जैसे रोगों के टीके को छोड़कर) किसी भी टीके की बूस्टर खुराक एंटीबॉडी का स्तर तेजी से बढ़ा देती है. यह भी पढ़ें : गिने-चुने उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है केंद्र सरकार: प्रियंका गांधी
प्रख्यात विषाणु विज्ञानी डॉ. शाहिद जमील ने कहा कि दो खुराक देने के बाद एक बूस्टर खुराक देने से परिसंचारी एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है और यह देखा गया है कि यह ओमीक्रोन रोगसूचक संक्रमण से बचाव की संभावना को बढ़ा देती है.
उन्होंने 'पीटीआई-' को बताया, ''हम नहीं जानते कि गंभीर बीमारी से बचाव के लिए दो खुराक किस कदर कारगर हैं.''